Toolkit Case: दिशा रवि को जेल या बेल? पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई जारी
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Toolkit Case: दिशा रवि को जेल या बेल? पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई जारी

किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) से संबंधित टूलकिट केस (Toolkit Case) मामले में गिरफ्तार क्‍लाइमेट एक्टिविस्‍ट दिशा रवि (Disha Ravi) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस कस्‍टडी की मियाद खत्‍म होने के बाद दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

दिशा रवि (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) से संबंधित टूलकिट केस (Toolkit Case) मामले में गिरफ्तार क्‍लाइमेट एक्टिविस्‍ट दिशा रवि (Disha Ravi) की जमानत याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इससे पहले कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस कस्‍टडी की मियाद खत्‍म होने के बाद दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

दिशा के समर्थन में उतरीं ग्रेटा थनबर्ग

इस बीच पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) दिशा रवि के समर्थन में आ गई हैं और मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है. ग्रेटा ने ट्वीट कर कहा, 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का मानवाधिकार है. यह किसी भी लोकतंत्र का मूल हिस्सा होना चाहिए.' दिशा के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग ने 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया' के उस ट्वीट को कोट करते हुए ट्वीट किया, जिसमें लिखा था, 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया क्लाइमेट जस्टिस के लिए वैश्विक आंदोलन का एक हिस्सा है. हम छात्रों के एक समूह से मिलकर बने हैं, जो केवल एक आशा की किरण के साथ, एक ऐसा भविष्य बनाने की दिशा में प्रयास करते हैं, जो जीवन जीने लायक हो.'

कौन है दिशा रवि?

दिशा रवि (Disha Ravi) एक पर्यावरण कार्यकर्ता है और उसे ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) द्वारा शेयर की गई किसान आंदोलन (Farmers Protest) से संबंधित टूलकिट (Toolkit) में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया है. दिशा पर टूलकिट को एडिट करने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं. दिशा ने 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया' के इंडिया चैप्टर की स्थापना की थी, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए शुक्रवार की कक्षाएं छोड़ प्रदर्शनों में भाग लेने वाले स्कूली छात्रों का एक वैश्विक आंदोलन है.

क्या होता है टूलकिट?

बताते चलें कि टूल किट में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है. दिल्ली पुलिस के साइब सेल ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के लक्ष्य से टूलकिट के खालिस्तान समर्थक निर्माताओं के खिलाफ 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस ने बताया था कि टूलकिट का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति डिस्टेस्ट और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच तनाव की स्थिति पैदा करना है.

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