मेट्रो में 'शराब वाला सफर' नहीं आसान, एक से दूसरे शहर ले जाने पर बढ़ेंगी मुश्किलें, जानें नियम
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मेट्रो में 'शराब वाला सफर' नहीं आसान, एक से दूसरे शहर ले जाने पर बढ़ेंगी मुश्किलें, जानें नियम

Delhi Metro liquor: दिल्ली मेट्रो में सीलबंद शराब की दो बोतलें लेकर उत्तर प्रदेश (यूपी) के नोएडा आने वाले यात्री मुश्किल में फंस सकते हैं. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को ऐसे लोगों को सावधान करते हुए यह बात कही.

मेट्रो में 'शराब वाला सफर' नहीं आसान, एक से दूसरे शहर ले जाने पर बढ़ेंगी मुश्किलें, जानें नियम

Delhi Metro liquor: दिल्ली मेट्रो में सीलबंद शराब की दो बोतलें लेकर उत्तर प्रदेश (यूपी) के नोएडा आने वाले यात्री मुश्किल में फंस सकते हैं. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को ऐसे लोगों को सावधान करते हुए यह बात कही. आबकारी विभाग ने यह बात दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा यात्रियों को अपनी सेवाओं के जरिये दो सीलबंद बोतल ले जाने की अनुमति दिए जाने के एक दिन बाद कही.

दिल्ली के अलावा, डीएमआरसी का मेट्रो रेल नेटवर्क हरियाणा के गुड़गांव और फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद जैसे नजदीकी शहरों तक फैला हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मौजूदा नियम निकटवर्ती दिल्ली या हरियाणा से बिना सीलबंद केवल एक शराब की बोतल ले जाने की अनुमति देता है, चाहे वह मेट्रो से हो या सड़क मार्ग से.

नोएडा जिला आबकारी अधिकारी सुबोध श्रीवास्तव ने बताया, हालांकि दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों को शराब की दो सीलबंद बोतलें ले जाने की अनुमति दी है, लेकिन दिल्ली में किसी भी बदलाव के बावजूद, उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग के नियम प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लागू होंगे.

अधिकारी ने बताया कि उत्पाद शुल्क विभाग मेट्रो स्टेशनों पर निगरानी बढ़ाएगा और उत्तर प्रदेश के बाहर से लाई गई सीलबंद शराब की बोतलों के साथ पकड़े जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. श्रीवास्तव ने कहा, "हम यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए यूपी में उत्पाद शुल्क नियमों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास करेंगे."

उत्तर प्रदेश की तुलना में हरियाणा और दिल्ली में शराब सस्ती है, जिसकी वजह से कई मौके पर सड़क के रास्ते दिल्ली से नोएडा सीलबंद शराब की बोतलें लाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि इस स्थिति में, अपराधी के खिलाफ उत्पाद शुल्क अधिनियम की धारा 63 (गैरकानूनी आयात, निर्यात, परिवहन, निर्माण, कब्ज़ा, बिक्री के लिए जुर्माना) के तहत कार्रवाई की जाती है, यह एक गैर-जमानती अपराध है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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