Udaipur Tailor Murder Case: लंबी प्लानिंग के बाद हुई थी उदयपुर में हिंदू टेलर की हत्या, अजमेर से दिए जा रहे थे निर्देश
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Udaipur Tailor Murder Case: लंबी प्लानिंग के बाद हुई थी उदयपुर में हिंदू टेलर की हत्या, अजमेर से दिए जा रहे थे निर्देश

Udaipur Tailor Murder Case: पैगंबर विवाद में उदयपुर में हिंदू टेलर कन्हैया लाल साहू (Kanhaiya Lal Sahu) की हत्या के तार अजमेर से जुड़ रहे हैं. यह हत्या एकाएक नहीं बल्कि अजमेर में बैठे एक शख्स के इशारे पर इसे अंजाम दिया गया. 

Udaipur Tailor Murder Case: लंबी प्लानिंग के बाद हुई थी उदयपुर में हिंदू टेलर की हत्या, अजमेर से दिए जा रहे थे निर्देश

Udaipur Tailor Murder Case: पैगंबर विवाद में उदयपुर में हिंदू टेलर कन्हैया लाल साहू (Kanhaiya Lal Sahu) की हत्या एकाएक नहीं हुई थी बल्कि इसके लिए गहरी प्लानिंग की गई थी. इस हत्या के तार अजमेर से भी साफ जुड़ते नजर आ रहे हैं. अजमेर में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है, जिस पर चादर चढ़ाने के लिए हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं. इनमें मुसलमानों के साथ ही बड़ी संख्या में हिंदू भी शामिल होते हैं. इस दरगाह की देखभाल करने वाले परिवार के लोगों को चिश्ती कहकर पुकारा जाता है. 

गौहर चिश्ती ने दरगाह के बाहर लगाया था नारा

सूत्रों के अनुसार दरगाह के एक खादिम (देखभाल करने वाला) गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) ने अजमेर दरगाह के बाहर नारे लगाए थे. गौहर चिश्ती ने नारेबाजी करते हुए कहा था, 'गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा.' पुलिस को जांच में पता चला है कि गौहर चिश्ती 17 जून को उदयपुर गया था और कन्हैया लाल साहू के हत्यारे रियाज मोहम्मद अत्तारी से मिलता है. उसी दिन रियाज मोहम्मद नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों की हत्या करने की धमकी देने वाला वीडियो शूट करता है. इस वीडियो में रियाज कहता है कि जिसने भी नबी के खिलाफ गुस्ताखी की है, उसका सिर कलम किया जाएगा. 

कन्हैया लाल की हत्या से पहले उदयपुर पहुंचा चिश्ती

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) 17 जून के बाद अंडरग्राउंड हो जाता है. इसके बाद रियाज मोहम्मद और गौस मोहम्मद दोनों मिलकर कन्हैया लाल साहू की गला काटकर हत्या कर देते हैं और साथ ही इस बर्बर हत्या का वीडियो भी शूट करते हैं. इस दौरान दोनों हत्यारे वही नारा बोलते हैं, जो गौहर चिश्ती ने अजमेर दरगाह के बाहर खड़े होकर लगाया था, 'गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा.'

अनवर हुसैन बना हुआ था रियाज और चिश्ती का मोहरा

इस घटना के बाद 25 जून को गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होता है और पुलिस 4 आरोपियों को अरेस्ट कर लेती है. वहीं गौहर चिश्ती अब तक फरार चल रहा है. मामले की जांच कर रही राजस्थान ATS 30 जून या 1 जुलाई को अनवर हुसैन को हिरासत में लेती है. अनवर हुसैन वो शख्स है, जिसने रियाज मोहम्मद और गौहर चिश्ती को आपस में मिलवाया था. जानकारी ये भी है कि रियाज मोहम्मद हर महीने उदयपुर से अजमेर अनवर हुसैन से मिलने आता था. वहां पर अनवर हुसैन ही रियाज और गौहर की मुलाकात करवाता था.

कट्टरपंथी संगठन PFI का एक्टिव मेंबर है चिश्ती

राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) की जांच में यह भी उजागर हुआ है कि गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) कट्टरपंथी संगठन PFI का एक्टिव मेंबर है. ऐसा माना जा रहा है कि अनवर हुसैन अपने आका गौहर  चिश्ती के लिए ही काम करता था. जानकारी के मुताबिक हिंदू टेलर कन्हैया लाल साहू (Kanhaiya Lal Sahu) की हत्या के बाद रियाज और गौस मोहम्मद अजमेर आ रहे थे और वहां पर उन्हें गौहर चिश्ती से मिलना था लेकिन इससे पहले ही वे राजसमंद के भीम नगर इलाके में पकड़े गए. जिसके बाद से गौहर चिश्ती फरार चल रहा है.

आपस में जुड़ रहे उदयपुर मर्डर और अजमेर कांड के तार

सूत्रों का कहना है कि राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) को उदयुपर टेलर मर्डर केस और अजमेर कांड में तार मिलते हुए साफ नजर आ रहे हैं. मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों को इस संबंध में कई पुख्ता सबूत मिल चुके हैं. अजमेर के एडिशनल एसपी विकास सांगवान के मुताबिक अनवर हुसैन की पहचान गौहर चिश्ती (Gauhar Chishti) के गुर्गे के रूप में थी. वह और रियाज मोहम्मद हर महीने अजमेर मे मिलते थे. इस मुलाकात के दौरान गौहर चिश्ती के कहने पर उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू (Kanhaiya Lal Sahu) की हत्या की साजिश रची गई. 

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