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मुंबई: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद राजनीति गरमा गई है. शिवसेना आक्रामक हो गई है और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने नासिक में बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ किया है. इसके साथ ही नासिक में नारायण राणे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नासिक पुलिस ने गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं और वारंट जारी किया है.
नारायण राणे (Narayan Rane) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लेकर विवादित बयान दिया था और कहा था कि अगर वह वहां होते तो उन्हें (सीएम) एक जोरदार थप्पड़ मारते, क्योंकि मुख्यमंत्री 15 अगस्त को नागरिकों के लिए अपने संबोधन के दौरान स्वतंत्रता के वर्ष को भूल गए थे. उन्होंने कहा, 'यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का वर्ष नहीं पता. वे अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों की गिनती के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए. अगर मैं वहां होता, तो मैं उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.'
उद्धव ठाकरे पर विवादित बयान के बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है और मुंबई के जुहू में स्थित नारायण राणे के बंगले पर पथराव किया है. इसके अलावा नारायण राणे और शिवसेना के समर्थक आपस में भिड़ गए हैं और पत्थर फेंक रहे हैं. मामले को बढ़ता देख पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
मामले में विवाद बढ़ता देख केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि वह अपने वकील से बात करन के बाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल कर सकते हैं. वहीं शिवसेना सांसद विनायक राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नारायण राणे को सस्पेंड करने की मांग की है.
जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जब एक पत्रकार ने नारायण राणे (Narayan Rane) से कहा कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा है और बच्चों को अधिक खतरा है, इसलिए मुख्यमंत्री ने भीड़ से बचने के लिए कहा है. इस पर नारायण राणे नाराज हो गए और उन्होंने कहा, 'उन्हें (महाराष्ट्र सरकार) नहीं पता कि वह हमें क्या बताएंगे. वे कौन से डॉक्टर हैं? तीसरी लहर की आवाज कहां से आई? और वह यह भी कहते थे कि बच्चे खतरे में हैं और लोगों को डराते हैं. अशुभ मत बोलो.'
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