Badlapur Encounter: हाथ-पैर की जगह सिर पर गोली कैसे लगी? इसे एनकाउंटर नहीं कह सकते... पुलिस से बॉम्बे हाई कोर्ट के कई सवाल
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Badlapur Encounter: हाथ-पैर की जगह सिर पर गोली कैसे लगी? इसे एनकाउंटर नहीं कह सकते... पुलिस से बॉम्बे हाई कोर्ट के कई सवाल

Badlapur Akshay Shinde Case: बदलापुर कांड के आरोपी अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस कार्रवाई पर कई सवाल उठाए. हाई कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि उन्हें कैसे गोली चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं, चार-चार पुलिस वाले एक आम कदकाठी के आरोपी को काबू नहीं कर पाए इस पर कौन यकीन करेगा.

  Badlapur Encounter: हाथ-पैर की जगह सिर पर गोली कैसे लगी? इसे एनकाउंटर नहीं कह सकते... पुलिस से बॉम्बे हाई कोर्ट के कई सवाल

Bombay High Court Questions Police:  महाराष्ट्र के चर्चित बदलापुर कांड के आरोपी अक्षय शिंदे के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. मृतक अक्षय शिंदे के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर एनकाउंटर को 'फर्जी' बताते हुए पूरे प्रकरण की जांच की मांग रखी है. हाई कोर्ट ने बुधवार को इसी याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील से कई तीखे सवाल पूछे. 

पुलिसवाले को मालूम होता है कि कहां गोली चलानी है, हाई कोर्ट सख्त

अदालत ने कहा कि पुलिसवाले को मालूम होता है कि कहां गोली चलानी है. कोर्ट ने कहा कि अक्षय की कदकाठी ऐसी नहीं थी कि चार-चार पुलिसवाले उसे काबू न कर सकें. अदालत ने आगे साफ कहा कि उसके लिए यह स्वीकार करना बेहद मुश्किल है कि यह मुठभेड़ ही थी. कोर्ट ने महाराष्‍ट्र पुलिस को निर्देश दिए कि वह मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज करे. 

कमजोर व्यक्ति रिवॉल्वर को जल्दी से अनलॉक नहीं कर सकता

बदलापुर घटना में मृतक आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से कहा, 'शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति रिवॉल्वर को जल्दी से अनलॉक नहीं कर सकता. यह बहुत आसान नहीं है.' सरकारी वकील ने हाईकोर्ट से कहा, 'अधिकारी की पिस्तौल अनलॉक थी.'  इसके बाद जस्टिस चव्हाण ने कहा, 'इस पर विश्वास करना मुश्किल है. प्रथम दृष्टया इसमें कुछ समस्याएं नजर आती हैं. एक आम आदमी पिस्तौल नहीं चला सकता क्योंकि इसके लिए ताकत की जरूरत होती है. 

चार पुलिस वाले कैसे एक कमजोर आरोपी को काबू नहीं कर पाए?

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल पूछा कि आरोपी अक्षय शिंदे के सिर पर गोली कैसे लगी?  जबकि पुलिस को इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि गोली कहां चलानी है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें (पुलिस को) हाथ या पैर में गोली चलानी चाहिए थी. हाई कोर्ट की बेंच ने कहा, 'पीछे चार पुलिसवाले थे, फिर कैसे संभव है कि वे एक कमजोर आदमी को काबू न कर पाएं, वह भी गाड़ी के पिछले हिस्से में. आरोपी के आगे दो पुलिसवाले और बगल में दो पुलिसवाले थे.'

तीन फायर किए, लेकिन सिर्फ एक ही लगा. बाकी दो गोली कहां हैं?

जस्टिस चव्हाण ने सुनवाई के दौरान कहा, 'पिस्टल पर फिंगर प्रिंट होने चाहिए और हैंड वॉश होना चाहिए. क्या यह हो गया? अगली तारीख पर सब कुछ पेश कीजिए. आपके मुताबिक उसने तीन फायर किए, लेकिन सिर्फ एक ही लगा. बाकी दो गोली कहां हैं? क्या यह पुलिस वाले पर सीधा फायर था या रिकोशे फायरिंग? पुलिस अधिकारी को क्या चोट आई है? छेदने वाली या ब्रश वाली?'

तीन अक्टूबर को अगली सुनवाई, कोर्ट ने कहा- सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखें

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख देने से पहले बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी की हिरासत में मौत पर मुंबई पुलिस से कहा कि इसमें गड़बड़ी दिख रही है. इस घटना की निष्पक्ष जांच की जरूरत है. कोर्ट ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह आरोपी अक्षय शिंदे को जेल से बाहर लाए जाने से लेकर शिवाजी अस्पताल में मृत घोषित किए जाने तक की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखे.

क्या है बदलापुर यौन उत्पीड़न केस और आरोपी के एनकाउंटर का मामला?

महाराष्ट्र की बदलापुर पुलिस ने दो स्कूली बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के आरोप में अक्षय शिंदे को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था.  मामला सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और 'रेल रोको आंदोलन' के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया.

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तलोजा जेल से पेशी के लिए कोर्ट ले जाते समय पुलिस एनकाउंटर में ढेर

आरोपी अक्षय शिंदे ने पहली पत्नी के छोड़ जाने के 4 महीने बाद ही दूसरी शादी कर ली थी. हालांकि, उसकी खराब आदतों की वजह से दूसरी पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया. 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में दो बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला उजागर होने के बाद उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. गिरफ्तारी के बाद तलोजा जेल से कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते समय एक नाटकीय घटनाक्रम में पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को एनकाउंटर में मार गिराया था. इसके बाद पुलिस एनकाउंटर पर कई सवाल खड़े हो गए.

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