गुजरात के भरुच नगरपालिका की अनोखी पहल, पुरानी बसों में बनाया बेघरों के लिए नाईट शेल्टर
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गुजरात के भरुच नगरपालिका की अनोखी पहल, पुरानी बसों में बनाया बेघरों के लिए नाईट शेल्टर

भरुच नगरपालिका ने शहर में रहने वाले अनाथ और बेधर लोगों को आश्रय की सुविधा देने के लिए नाईट शेल्टर ऑन व्हील की राज्य में प्रथम बार योजना शुरू की है

भरुच नगरपालिका ने बेधरों के लिए पुरानी बसों में नाइट सेल्टर बनाया है. (फाइल फोटो)

भारत चुडासमा /निर्मल त्रिवेदी, भरुच: भरुच नगरपालिका ने शहर में रहने वाले अनाथ और बेधर लोगों को आश्रय की सुविधा देने के लिए नाईट शेल्टर ऑन व्हील की गुजरात में प्रथम बार योजना शुरू की है. जिसमें बिना काम में लाई जा रही पुरानी बसों को रिनोवेट किया गया है. उन्हें शेल्टर होम की तरह बनाकर निराधार और निराश्रित लोगो के आश्रय की व्यवस्था की गयी है. 

आम तौर पर बारिश का मौसम हो या ठंडी का मौसम साल के बारह महीने सड़क के बीच या सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ पर निराश्रित सोते हुए दिख जाते होंगे और ऐसे लोगो के लिए भरुच नगर पालिका ने एक अनोखा बीड़ा उठाया है.  इन निराश्रित -निराधार लोगों के लिए नगर पालिका ने आश्रय स्थान बनाने का प्रयास शुरू किया है. इसी के तहत नगर पालिका ने एसटी डिपार्टमेंट में बिना काम में आ रही पुरानी और डिपो में पड़ी बसों को शेल्टर होम में तब्दील कर दिया. 

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प्रायोगिक तौर पर दो बसों को लगभग 6 लाख रूपये खर्च कर रिनोवेशन का काम पूरा किया गया. इसके बाद दोनों नाईट शेल्टर में परिवर्तित बसों को रेलवे स्टेशन के पास पार्किंग में रखा गया है. 

पालिका प्रमुख सुरभि तमाकुवाला ने मीडिया को बताया कि गरीब और निराश्रित लोगों को रात के समय सोने और आराम करने के लिए यह सुविधा प्राप्त हो सके, ऐसा यह राज्य सरकार का पहला प्रोजेक्ट है. इन बसों का दुरुपयोग न हो इसके लिए इन नाइट शेल्टर बसों में सीसीटीवी भी लगाए गए है. 
 
निराश्रित और जरुरतमंद लोगो के लिए तैयार किये गए इन नाईट शेल्टर ऑन व्हील बसों में से एक निराश्रित महिलाओं के लिए, वहीं दूसरी पुरुष निराश्रितो के लिए रखी गई है. 

एक शेलार बस में दस लोगो के लिए सोने की अच्छे तरीके से व्यवस्था की गयी है. शेल्टर में रखे गए हर बिस्तर के लिए रजाई तकिया और बिछौने रखे गए है. साथ ही लाईट ,पंखा और पिने के पानी की जैसी तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गयी है. 

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भरुच नगर पालिका द्वारा शुरू की गयी इस तरह की अनोखी पहल को शहर के लोगों ने काफी सराहा है. बिना आशियाने के फुटपाथ पर अपना जीवन बिताने वाले निराश्रितों के लिए भंगार में पड़ी बसे पालिका के सराहनीय कदम की वजह से आज आशीर्वाद के समान साबित हुयी है. 

जहां इस कड़कड़ाती ठण्ड और बरसात के मौसम में बरसात से बचने के लिए इससे अच्छी जगह कही नहीं मिल सकती थी. अब भरुच महानगर पालिका की इस पहल के बाद लगता है कि इसे देखकर बाकि देश में भी लोग कुछ सिखकर इस तरह की पहल करेंगे और जिन्हे वाकई आशियानों की जरुरत है. जिंदगी सड़को के बीच बने फुटपाथों पर गुजर रहे है उन्हें आशियाने मुहैया करने की पहल करेंगे.

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