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लखनऊ: यूपी असेंबली के चुनाव (UP Assembly Election 2022) में शुरू में शांत दिख रही बीएसपी (BSP) अब अपने पुराने रंग में आती दिख रही है. पार्टी की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने शनिवार को सहारनपुर में चुनावी रैली कर बीजेपी और एसपी पर खूब निशाने साधे. मायावती ने कहा कि मुस्लिमों को सम्मान केवल बसपा ने दिया है. जबकि भाजपा और सपा ने यूपी में केवल दंगे करवाए हैं.
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) सहारनपुर मंडल की चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए नागल के टपरी रोड़ पर पहुंचीं थी. मायावती ने 2 बजकर 28 मिनट पर बोलना शुरू किया और 2 बजकर 59 मिनट तक भाजपा और सपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने दलित-मुस्लिम और ब्राह्मण जाति के वोटरों को साधने के लिए भाजपा की नीतियों को दमकारी बताया. वहीं सपा को गुंडों की पार्टी कहा.
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपने 31 मिनट के संबोधन में भाजपा और सपा पर जमकर बरसी. उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया. उन्होंने कहा कि बसपा यूपी में अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा तानाशाही, जातिवादी सरकार से मुक्ति तभी मिल पाएगी, जब सभी लोग अपने मत का सही प्रयोग कर सकेंगे.
उन्होंने 2013 के मुजफ्फरनगर के दंगे को हवा देते हुए कहा कि सपा सरकार में यह दंगे हुए और बेकसूरों को जेल भेजा गया. जबकि गुनहगार लोग खुले घूमते रहे. उन्होंने कहा कि दंगे में जाटों के साथ मुस्लिम समुदाय को भी नुकसान हुआ और भाईचारे को भी ठेस पहुंची.
मायावती ने कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि कांग्रेस दलित और आदिवासियों के प्रेम का नाटक करती है. कांग्रेस जब सत्ता में होती है तो उसे दलित प्रेम की याद नहीं आती और न ही महिलाओं की. मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में आमजन दुखी है. किसी की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार होगी तो हर किसी व्यक्ति, हर किसी जाति और धर्म के व्यक्ति का ध्यान रखा जाएगा. उनके रोजगार का भी ध्यान रखा जाएगा. उनको किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के भाषण में सबसे ज्यादा मुस्लिम और अपर कास्ट के लोगों को साधने की कला दिखाई दी. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव का पद छोड़कर सपा में आए इमरान मसूद पर चुटकी लेते हुए मायावती ने कहा कि यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुस्लिमों को दरकिनार किया है. इसका उदाहरण सहारनपुर में मुस्लिमों का बड़ा चेहरा है.
मायावती ने कहा कि सपा मुस्लिमों को अपनी जागीर समझती है. यही कारण है कि 2022 के चुनाव में सपा ने मुस्लिम नेताओं के साथ मंच भी साझा नहीं किया. मुस्लिमों को अब सपा को यह बता देना चाहिए कि वे किसी की जेब में नहीं है. मुस्लिम उसके साथ जाएगा जो मुसलमानों को आगे बढ़ने का मौका देगा. बसपा (BSP) ने सदैव मुस्लिमों को आगे बढ़ाया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कि भाजपा ने अभी तक धर्म के नाम पर नफरत की राजनीति की है. बहन, बेटियां और दलित भाजपा सरकार में सुरक्षित नहीं है. मायावती ने शब्बीरपुर कांड की दुखती रग पर हाथ रखते हुए सहारनपुर मंडल के दलित वोटरों को साधने की कोशिश की. वहीं 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे को हवा दी.
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उन्होंने कहा कि शब्बीरपुर कांड हुआ और उसके बाद भाजपा की सरकार बनी. सत्ता में आते ही भाजपा का दिमाग खराब हो गया. शब्बीरपुर कांड की आवाज मैंने राज्यसभा में उठाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार ने मुझे बोलने नहीं दिया. जिस कारण मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया.
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