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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एमएलसी चुनाव को लेकर राजनीति गर्माने लगी है. तमाम नेता टिकट पाने के लिए अभी से कोशिशों में जुट गए हैं. इस बीच भाजपा से जुड़े सूत्रों ने चौंका देने वाली खबर दी है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा इस बार के एमएलसी चुनाव में हारे हुए नेताओं को मौका नहीं देगी.
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बावजूद कई ऐसे उम्मीदवार रहे जो जीत का स्वाद नहीं चख पाए. ऐसे हारे विधायकों, मंत्रियों को भाजपा एमएलसी नहीं बनाएगी. सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को अवसर देने का फैसला लिया है.
बता दें कि देश के सबसे बड़े सियासी राज्य यूपी में अब विधान परिषद (UP MLC Election) की 36 सीटों पर चुनाव होने वाला है. इसके लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी होगी. इन चुनावों के लिए मतदान 9 अप्रैल को होगा और इसके नतीजे 12 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे. इस बीच भाजपा के हारे दिग्गज भी विधान परिषद की सीढ़ी के सहारे सदन में पहुंचने की आस देख रहे थे, जिन्हें पार्टी ने अपने फैसले से झटका दे दिया है.
यूपी विधान सभा चुनाव में इस बार भाजपा के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. खुद पूर्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी अपनी सीट नहीं बचा सके. भाजपा के 11 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. शामली से भाजपा के जाने-माने नेता सुरेश राणा, बरेली जिले की बहेड़ी विधान सभा सीट से पूर्व राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार, राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधान सभा सीट से, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सीट से, आनन्द स्वरूप शुक्ला को बलिया जिले की बैरिया सीट, बलिया जिले की ही फेफना सीट पर खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी, फतेहपुर जिले की हुसैनगंज सीट पर भाजपा उम्मीदवार रणवेन्द्र सिंह धुन्नी, औरैया जिले की दिबियापुर सीट से लाखन सिंह राजपूत, सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट से सतीश चंद्र द्विवेदी को हार का सामना करना पड़ा.
(इनपुट अजित सिंह)
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