UP: मिशनरी स्‍कूल ने मुस्लिम लड़की को 'हिजाब' पहनने पर नाम काटने की धमकी दी
Advertisement
trendingNow1353051

UP: मिशनरी स्‍कूल ने मुस्लिम लड़की को 'हिजाब' पहनने पर नाम काटने की धमकी दी

उसके बाद लड़की के पिता मौलाना मोहम्‍मद रजा रिजवी ने जब स्‍कूल को विरोध प्रकट करते हुए खत लिखा तो उनको यह सलाह मिली कि लड़की का नाम यहां से कटाकर उसका दाखिला किसी मदरसे या अन्‍य इस्‍लामिक स्‍कूल में लिखवा दें. 

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बाराबंकी: सातवें दर्जे में पढ़ने वाली एक मुस्लिम लड़की को 'हिजाब' पहनने की वजह से उसके मिशनरी स्‍कूल ने नाम काटने की धमकी दी है. आनंद भवन नाम के इस प्राइवेट स्‍कूल को एक मिशनरी ट्रस्‍ट संचालित करता है. दरअसल बुधवार को जब यह लड़की 'हिजाब' पहनकर स्‍कूल गई तो स्‍कूल प्रबंधन ने उससे कहा कि वह आइंदा ऐसा नहीं करे, वह उसका नाम स्‍कूल से काट दिया जाएगा. उसके बाद लड़की के पिता मौलाना मोहम्‍मद रजा रिजवी ने जब स्‍कूल को विरोध प्रकट करते हुए खत लिखा तो उनको यह सलाह मिली कि लड़की का नाम यहां से कटाकर उसका दाखिला किसी मदरसे या अन्‍य इस्‍लामिक स्‍कूल में लिखवा दें. 

  1. यूपी के बाराबंकी के मिशनरी स्‍कूल की घटना
  2. स्‍कूल ने कहा लड़की का नाम इस्‍लामिक स्‍कूल में लिखवा दें
  3. स्‍कूल के सख्‍त ड्रेस कोड का दिया गया हवाला

इस संबंध में DNA से बात करते हुए रिजवी ने कहा, ''इस्‍लाम में लड़की के लिए हिजाब को पहनना अनिवार्य बताया गया है. इस धार्मिक कारण के चलते मेरे बेटी ने उसको पहना था. यह एक अल्‍पसंख्‍यक संस्‍थान है और अधिकांश टीचर ईसाई हैं, इसके बावजूद उन्‍होंने मेरी बेटी के हिजाब पहनने का विरोध किया.''

VIDEO: सीएम योगी की रैली में सरेआम मुस्लिम महिला का बुर्का उतरवाया गया, AIMPLB ने जताया ऐतराज

 

स्‍कूल प्रबंधन ने हालांकि उनकी दलील मानने से इनकार कर दिया और पिता से कहा कि यदि कोई लड़की हिजाब पहनकर आएगी तो उसको क्‍लास में हिस्‍सा नहीं लेने दिया जाएगा. स्‍कूल की प्रिंसिपल अर्चना थॉमस ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए. यदि अभिभावकों को कोई परेशानी है तो उनको अपनी बच्‍ची का दाखिला किसी अन्‍य इस्‍लामिक स्‍कूल में करा देना चाहिए.

स्‍कूल ने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि उनका सख्‍त ड्रेस कोड है और प्रबंधन उसके इतर कुछ और पहनने की इजाजत नहीं दे सकता. प्रिंसिपल ने इसके साथ ही स्‍पष्‍ट करते हुए कहा, ''मेरा आशय किसी के धर्म का अनादर नहीं है और न ही किसी को किसी इस्‍लामिक स्‍कूल में दाखिले के लिए बाध्‍य किया गया है. हमने सिर्फ उनसे इतना कहा है कि यदि उनको स्‍कूल के ड्रेस कोड से कोई समस्‍या है तो वह अपनी बच्‍ची का दाखिला कहीं और करा दें.''

Trending news