केदारनाथ आपदा को पूरे हुए 6 साल, लोगों के चेहर पर अब वापस आ रही मुस्कान
आज केदारनाथ आपदा की बरसी है और आपदा के इतने साल बीत जाने के बाद अब जाकर कही स्थानीय लोगोंए व्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहित समाज के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है.
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केदारनाथ: केदारनाथ में आई प्रलयकारी आपदा को पूरे छः साल का समय हो चुका है. आज केदारनाथ आपदा की बरसी है और आपदा के इतने साल बीत जाने के बाद अब जाकर स्थानीय लोगों, व्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहित समाज के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है.
इस प्रलयकारी आपदा ने पूरे केदारनाथ को बदल कर रख दिया था. इस समय को शायद ही देश में कोई भूल सकता है. आपदा के बाद कांग्रेस सरकार में हरीश रावत को इसे हैंडल करने की जिम्मेदारी दी गई. इतनी बड़ी आपदा से हजारों लोगों का रोजगार छिन गया तो सैकड़ों लोग अपना आशियाना खो बैठे.
केदारनाथ को वापस खूबसूरत बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से दिन रात एक कर दिया. जगह-जगह पर सड़कों को ठीक किया गया. रामबाड़ा से नया पैदल मार्ग तैयार किया गया. जिससे धाम की दूरी दो किमी बढ़ गई. इसके अलावा एमआई 17 हेलीपैड का निर्माणए हेलीपैड से मंदिर तक रास्ते का निर्माण के साथ ही मंदिर के चारों ओर थ्री डी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया.
केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के अलावा अन्य कार्यों को भी किया जाना हैए जिसमें सरस्वती नदी से भैरवनाथ मंदिर को जोड़ने वाले पुल का निर्माण होना है. इसके अलावा गरूड़ चट्टी के लिए भी पुल का निर्माण कार्य किया जायेगा. केदारनाथ में व्यापारियों की पचास दुकानों का निर्माण भी होना है और मंदिर मार्ग निर्माण में क्षतिग्रस्त भवनों का कार्य भी किया जाना है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो आपदा के बाद से लेकर अब तक इन छः सालों में धाम की तस्वीर बदलने की पूरी कोशिश की गई हैए जिसका परिणाम ये है कि आज धाम में एक माह और सातः दिन के भीतर यात्रा का आंकड़ा छः लाख पचास हजार पहुंच गया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार बार केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं. पिछले तीन सालों के भीतर उनका केदारधाम आना-जाना लगा हुआ है. उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में कार्य चल रहे हैं. वे समय-समय पर विकास कार्यों की मॅानीटरिंग भी करते रहते हैं.
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