भोले बाबा को क्लीनचिट पर बरसीं मायावती, बीजेपी और सपा की चुप्पी पर दागे पांच सवाल
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भोले बाबा को क्लीनचिट पर बरसीं मायावती, बीजेपी और सपा की चुप्पी पर दागे पांच सवाल

हाथरस हादसे को लेकर सियासत जारी है. एक तरफ जहां पूरे मामले में शासन से गठित एसआईटी की टीम ने अपनी 300 पन्‍नों की रिपोर्ट सौंप दी है. तो दूसरी ओर रिपोर्ट को लेकर सियासत शुरू हो गई. बसपा प्रमुख मायावती ने एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

Mayawati

Mayawati on Hathras SIT Report : हाथरस हादसे को लेकर सियासत जारी है. एक तरफ जहां पूरे मामले में शासन से गठित एसआईटी की टीम ने अपनी 300 पन्‍नों की रिपोर्ट सौंप दी है. तो दूसरी ओर रिपोर्ट को लेकर सियासत शुरू हो गई. बसपा प्रमुख मायावती ने एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्‍होंने एसआईटी की रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया है.  

एसआई की जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल 
बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर लिखा, यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं और बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति दुखद. इस अति जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण. साथ ही उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो. 

SIT की रिपोर्ट में क्‍या?

हाथरस मामले में गठित एसआईटी की टीम ने 300 पन्‍नों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. शुरुआती जांच में चश्मदीद गवाहों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है. एसआईटी की टीम ने अब तक हुई जांच के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है. एसआईटी ने गहनता से जांच को कहा है. जांच टीम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस और प्रशासन को भी दोषी पाया है.

जिला प्रशासन के अफसरों पर कार्रवाई

एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन स्‍तर से एसडीएम सिकंरारामऊ, तहसीलदार, सीओ, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को सस्‍पेंड कर दिया है. SDM द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति देने का जिक्र किया है. जिला प्रशासन के अफसरों पर कार्यक्रमों को गंभीरता से न लेने के आरोप लगाया गया है. एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है.

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