Ashadh Krishna Paksha: आषाढ़ माह बस 13 दिनों का, बन रहा महाभारत काल का दुर्लभ संयोग तो करें विष्णु-शिव की पूजा
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Ashadh Krishna Paksha: आषाढ़ माह बस 13 दिनों का, बन रहा महाभारत काल का दुर्लभ संयोग तो करें विष्णु-शिव की पूजा

Ashadh Krishna Paksha: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा समाप्त होने के बाद आषाढ़ मास का आरंभ होता है. जानिए इस बार कब से शुरू और कितने दिन के होंगे आषाढ़....

Ashadh Krishna Paksha

Ashadh Krishna Paksha: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदूओं का नए साल चैत्र मास से शुरू होता है जो मार्च-अप्रैल में पड़ता है. कैलेंडर में चौथा मास, आषाढ़ मास होता है जो बहुत विशेष माना जाता है. इस मास में भगवान सूर्य के साथ मंगल की भी पूजा होती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

13 दिन का होगा कृष्ण पक्ष
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा समाप्त होने के बाद आषाढ़ मास का आरंभ होता है. इस बार आषाढ़ मास का कृष्ण पक्ष महाभारत काल के संयोग में बन रहा है. इस बार का आषाढ़ मास का कृष्ण पक्ष भी 13 दिनों का होगा जो महाभारत काल के समय में मेल खाता है. ज्योतिषशास्त्र की माने तो इसे दुर्योग काल कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस समय में प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति ज्यादा होती है. कई सौ सालों बाद इस बार ऐसा संयोग देखने को मिल रहा है. 

काशी के ज्योतिषाचार्य
काशी के ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि विक्रम संवत 2081 में आषाढ़ मास 23 जून 2024 से 21 जुलाई 2024 तक रहेगा. इस दौरान कृष्ण पक्ष सिर्फ 13 दिनों का होगा. पंडित संजय का दावा है कि महाभारत के युद्ध से पहले भी ऐसा ही दुर्योग आया था जिसके कारण जन हानि हुई थी. ऐसे में इस बार भी अनुमान है कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण पूरी दुनिया में बड़ी हानि हो सकती है. यह युद्ध की स्थिति को भी दर्शाता है. 

त्यौहार और व्रत
इस आषाढ़ मास के त्यौहार और व्रत की बात करे तो 25 तारिक को संकष्टी गणेश चतुर्थी है, वही 28 तारिक को कालाष्टमी है, 2 को योगिनी एकादशी है, 3 को रोहिणी व्रत. प्रदोष व्रत है, 4 को मास शिवरात्रि है, 5 को अमावस्या है, 6 को गुप्त नवरात्र प्रारंभ होंगी, 7 को चंद्र दर्शन, 8 तारिक को इस्लामी नव वर्ष, 9 को वरद चतुर्थी, 11 को कौमार षष्ठी, 12 षष्टी, 14 को दुर्गाष्टमी व्रत, 16 को कर्क संक्रांति, 17 तारिक को आषाढ़ी एकादशी, 19 को प्रदोष व्रत, जाया पार्वती व्रत की शुरूवात भी होगी, वहीं 21 तारिक को व्यास पूजा, सत्य व्रत, पूर्णिमा , गुरु पूर्णिमा , सत्य व्रत है.  

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