गोरक्षधाम के पवित्र मंदिर की मिट्टी लाने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. विश्व हिंदू परिषद की राम मंदिर आंदोलन में काफी अहम भूमिका रही है. ऐसे में भूमिपूजन और आधारशिला रखने में इस्तेमाल होने जा रही अधिकतर चीजें इस संगठन के कार्यकर्ता ही अयोध्या पहुंचा रहे हैं.
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अयोध्या: वर्षों बाद राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आने वाली है. अब दिन, तारीख, समय सब कुछ निश्चित हो चुका है. ऐसे में तैयारियां चल रही हैं उन सामानों यहां पहुंचाने की, जो आधारशिला के कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले हैं. पूरे देश के तमाम रामभक्तों की श्रद्धा राममंदिर से जुड़ी हुई है. ऐसे में देशभर से पवित्र और आस्था की प्रतीक मानी जाने वाली चीजें अयोध्या लाई जा रही हैं. इसी सिलसिले में सीएम योगी आदित्यनाथ के मठ गोरक्षधाम पीठ की पावन माटी को अयोध्या लाया जा रहा है. इस मिट्टी को राम मंदिर की आधारशिला रखते समय उसकी नींव में डाला जाएगा.
विश्व हिंदू परिषद पर मिट्टी लाने की जिम्मेदारी
गोरक्षधाम के पवित्र मंदिर की मिट्टी लाने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. विश्व हिंदू परिषद की राम मंदिर आंदोलन में काफी अहम भूमिका रही है. ऐसे में भूमिपूजन और आधारशिला रखने में इस्तेमाल होने जा रही अधिकतर चीजें इस संगठन के कार्यकर्ता ही अयोध्या पहुंचा रहे हैं. वैदिक मंत्रोच्चार और शंख ध्वनियों के बीच मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी कार्यकर्ताओं को गोरक्षनाथ धाम की पवित्र मिट्टी सौंपेंगे. इसे राम मंदिर की नींव में डाला जाएगा.
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गोरक्षनाथ पीठ के महंत हैं सीएम योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ जिस पीठ के महंत यानि प्रमुख नाथ है, वहां की परंपरा में हमेशा से ही सनातन धर्म को मानती है. इससे जुड़कर व्यक्ति किसी भी गोरखपंथी साधु से दीक्षा लेकर सिद्धि और मोक्ष के मार्ग पर चलने की शपथ लेता था. नाथ संप्रदाय से हर जाति, धर्म, समाज, प्रांत और वर्ग का व्यक्ति जुड़ा है और वहां जुड़कर वह सिर्फ नाथ ही हो जाता है. उसे नाथ योगी कहते हैं. नाथ संप्रदाय की स्थापना आदिनाथ भगवान शिव द्वारा मानी जाती है. कान छिदवाने के कारण इन्हें कनफटा, दर्शन कुंडल धारण करने के कारण दरशनी और गोरखनाथ के अनुयायी होने के कारण गोरखनाथी भी कहा जाता है.
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