Babri Masjid: NCERT ने एक बड़ा अहम फैसले में 12वीं कक्षा में सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में अयोध्या के विवादित ढांचे का नाम बदल दिया है. एनसीईआरटी के दवारा बदले गए नाम के अनुसार अब से वह ... पढ़िए पूरी खबर ...
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NCERT: कक्षा 12वीं के सामाजिक विज्ञान विषय के पाठ्यक्रम मे बदलाव करते हुए NCERT ने एक बड़ा अहम फैसला लिया है. नए फैसले के अनुसार 12वीं क्लास की सामाजिक विज्ञान की किताब में अयोध्या विवाद वाले चैप्टर को छोटा कर दिया गया है. साथ में इसमें से बाबरी मस्जिद का नाम हटाकर 'तीन गुंबद वाला ढांचा' कहा गया है.
अयोध्या वाला अध्याय हुआ छोटा
बाबरी मस्जिद का नाम बदलने के साथ ही अयोध्या वाला चैप्टर चार पेज से छोटा कर केवल दो पेज का कर दिया है. इसके साथ ही नए चैप्टर में भाजपा की सोमनाथ से अयोध्या की रथ यात्रा, कार सेवकों की भूमिका, बाबरी मस्जिद को ढहाने के बाद हुई हिंसा, राष्ट्रपति शासन का लागू होना जैसी बातों को शामिल किया गया है.
पुरानी किताब में क्या था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार NCERT की पुरानी किताब में बताया गया था कि 16वीं शताब्दी में बाबर के सेनापति मीर बाकी मे बाबरी मस्जिद को निर्माण करवाया था. परंतु वहीं नए चैप्टर में बताया गया है कि सन् 1528 में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थल पर एक तीन गुंबद वाला ढांचे का निर्माण किया गया था. हालांकि, बनाए गए ढांचे में कई हिंदू चिह्न साफ बने हुए थे. इस सबके साथ पुरानी किताब में दो पेज पर 1992 में राम मंदिर को बनाने के लिए की गई रथ यात्रा और कारसेवा की वजह से उत्पन्न हुए सांप्रादायिक तनाव से दंगों का जिक्र किया गया था.
नई किताब नें क्या है
वहीं NCERT द्वारा नई किताब में बताया गया है कि 1986 में फैजाबाद जिला अदालत ने तीन गुंबद वाले ढांचे को खोलने के आदेश देने के साथ लोगों को वहां पूजा करने की अनुमति दी गई थी. नए अध्याय में आगे बताया गया है कि लोगों द्वारा ऐसा माना जाता है कि इसी तीन गुंबद वाले ढांचे को भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर बनाया गया है. इसके साथ ही नए अध्याय में 1992 में ढांचा गिर जाने के बाद बहुत सारे आलोचकों द्वारा कही गई बात को भी शामिल किया गया है.
कोर्ट का फैसला
ऊपर बताए गईं बातों के साथ नई किताब में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को भी शामिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बैंच ने 9 नवंबर 2019 में अपने निर्णय में कहा था कि वह भूमि राम मंदिर की है. वहीं पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद को ढहाने के बाद कल्याण सिंह सरकार को हटाने के आदेश की अखबार की कटिंग की तस्वीरें भी शामिल थीं. परंतु नई किताब में से यह भी हटा दिया गया है. आपको बता दें कि साल 2014 के बाद से एनसीईआरटी ने चौथी बार अपडेट किया गया है.
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