नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट पर बढ़ा सस्पेंस, बयान से पलटे शिष्य बलवीर, हैंडराइटिंग पहचानने से इनकार
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नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट पर बढ़ा सस्पेंस, बयान से पलटे शिष्य बलवीर, हैंडराइटिंग पहचानने से इनकार

बलवीर एक दिन पहले दिए अपने ही बयान से पलट गए हैं. कल उन्होंने सुसाइड नोट को लेकर कहा था कि ये गुरु जी की राइटिंग है. मैं अच्छे से पहचानता हूं. वहीं, आज वो इस बात से इनकार करते नजर आए. 

बलवीर गिरी

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी को बाघंमरी मठ में भू-समाधि दे दी गई है. महंत को उनके गुरु के बगल में ही समाधि दी गई है. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर का स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में 5 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद महंत के मौत की असली वजह सामने आएगी. बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की 20 सिंतबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका शव बाघंबरी गद्दी स्थित मठ के एक कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच उनके दूसरे शिष्य बलवीर गिरी भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. 

"मैंने वो राइटिंग देखी है, वो गुरुदेव के हाथ के अक्षर हैं"-बलवीर गिरी
दरअसल, बलवीर एक दिन पहले दिए अपने ही बयान से पलट गए हैं. मंगलवार को नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट को देखकर बलवीर ने कहा था,"मैंने वो राइटिंग देखी है, वो गुरुदेव के हाथ के अक्षर हैं. जिसके कारण ये हुआ है, हम उनको नहीं छोड़ेंगे. उनको अंदर करवाकर ही छोड़ेंगे. इस तरीके की परेशानी गुरु कहां शिष्य को बताएगा. गुरु तो जहर पी जाता है. शिष्य का कर्म होता है कि उनके आचरण का अनुसरण करें. नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हूं"

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"गुरुजी की राइटिंग को नहीं पहचानता"- बलवीर गिरी
वहीं, 24 घंटे के अंदर ही बलवीर अपने बयान से पलट गए. अब उन्होंने कहा कि मैं गुरुजी की राइटिंग को नहीं पहचानता. मैं उत्तराधिकारी नहीं हूं. महंत बनाने का फैसला पंच परमेश्वर करेंगे. सीएम ने जो आश्वासन दिया है, उसपर भरोसा है. बता दें कि सीएम योगी ने महंत नरेंद्र गिरी के दोषियों को सजा दिलाने की बात कही थी. 

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कथित सुसाइड नोट में बलवीर को बनाया है उत्तराधिकारी 
महंत नरेंद्र गिरी के शव के पास पुलिस को कई पन्नों का सुसाइड नोट मिला था. इस सुसाइड नोट में लिखा था,"प्रिय बलवीर गिरी, ओम नमो नारायण. मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्टर वसीयत की है, जिसमें मेरे ब्रह्मलीन (मरने के बाद) हो जाने के बाद तुम बड़े हनुमान मंदिर एवं मठ बाघंबरी गद्दी के महंत बनोगे. तुमसे मेरा एक अनुरोध है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पांडे, राम कृष्ण पांडे, मनीष शुक्ला, विवेक कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्रा, उज्जवल द्विवेदी, प्रज्ज्वल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भर द्विवेदी और सुमित तिवारी का ध्यान रखना. जिस तरह से मेरे समय में रह रहे थे, उसी तरह से तुम्हारे समय में रहेंगे. इन सभी का ध्यान देना." साथ ही अखाड़े के पदाधिकारियों से उनको सहयोग करने के लिए कहा गया है.

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आनंद गिरी ने कही थी साजिश के तहत हत्या की बात 
आनंद गिरी ने कहा कि महाराज जी की हत्या की गई है. वह आत्महत्या नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते थे कि मेरे और महाराज जी के संबंध अच्छे रहें. कुछ लोग यह नहीं चाहते थे कि महाराज जी उन्हें उत्तराधिकारी बनाएं ऐसे लोगों ने ही यह साजिश कर महाराज जी की हत्या की है. आनंद गिरी ने कहा कि उनकी मौत की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और वह पुलिस को जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं. बता दें कि आज आनंद गिरी की कोर्ट में पेशी हुई है. 

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