बिकरू कांड में नया ऑडियो वायरल, विकास दुबे का चेला ही बनाना चाहता था उसकी 'दशा'!
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बिकरू कांड में नया ऑडियो वायरल, विकास दुबे का चेला ही बनाना चाहता था उसकी 'दशा'!

ऑडियो में किसी जमीन के मामले में फरियादी राहुल और विनय के बीच बातचीत हो रही है. ऑडियो में जो बातचीत हो रही है वो हम आपको बता रहे हैं. हालांकि ज़ी मीडिया इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता.   

बिकरू कांड में नया ऑडियो वायरल, विकास दुबे का चेला ही बनाना चाहता था उसकी 'दशा'!

कानपुर: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड से जुड़ा एक और ऑडियो सामने आया है. इस ऑडियो में कथित तौर पर तत्कालीन चौबेपुर थाने एसओ विनय तिवारी और फरियादी राहुल तिवारी के बीच बातचीत का है. ऑडियो में किसी जमीन के मामले में दोनों के बीच बातचीत हो रही है. ऑडियो में जो बात हो रही है वो हम आपको बता रहे हैं. हालांकि ज़ी मीडिया इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता.   

विकास दुबे ने राहुल के साथ किसी जमीन के विवाद में मारपीट की थी. इस मामले में राहुल ने विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर लिखाई थी. इसके बाद दोनों की एक बातचीत का ऑडियो सामने आया है. इसमें विनय तिवारी राहुल को धैर्य बनाए रखने और गैंगस्टर विकास दुबे पर कार्रवाई करने की बात कहता सुनाई दे रहा है.

ऑडियो में विनय तिवारी बार-बार फरियादी राहुल पर भरोस रखने की बात कह रह है. सुनिए दोनों के बीच क्या बातचीत हुई. 

विनय तिवारी- हैलो...
राहुल तिवारी- हां सर
विनय तिवारी- हां राहुल
राहुल तिवारी- हां सर
विनय तिवारी- हां, क्या हुआ?
राहुल तिवारी- अरे सर साहब मैं और एसओ साहब गए थे, उसने (विकास दुबे) बहुत मारा पीटा है और बंधक बना लिया था...साहब हम इन्क्वायरी के लिए गए थे...हां और साहब हैलो
विनय तिवारी- बात क्या थी...
राहुल तिवारी- आपको तो मालूम है कि बात क्या थी...
विनय तिवारी- नहीं हमें तो मालूम है, अभी-अभी क्या हुआ

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राहुल- अभी क्या हम 6 दिनों का जवाब हम दे गए थे...
विनय तिवारी-राहुल हमारे ऊपर भरोसा है या नहीं
राहुल- अब भरोसा तो साहब करा है...अब भरोसा तो साहब कर रहे हैं...लेकिन आप देख ही रहे हो...
विनय- नहीं लेकिन हमारे उपर भरोसा रखो...हमारी कार्रवाई जल्द दिखाई देगी...अभी तुम कागज की वजह से खेत वाले मामले में कमजोर हो....ये बात तुम भी जानते हो हम भी जानते हैं...सुनो तुन्हें हमारे उपर एक रत्ती
भर भी भरोसा है...तो बस थोड़ा-सा इंतजार कर लो बस...और उसके बाद हमारी कार्रवाई देख लेना..
राहुल-ठीक-ठीक
विनय- हम किस टाइप के आदमी और क्या कार्रवाई करेंगे हम तुम्हें बात नहीं सकते...हम जो करेंगे वो तुम्हें पता जरूर चल जाएगा...अगर भरोसा है हमारे उपर तो थोड़ा-सा धीरज रखो...बस थोड़ा-सा ठीक है...
राहुल-ठीक है...भरोसा तो हो ही गया अब क्या करें?
विनय- तुम रुको..मुझे बहुत नहीं मात्र एक हफ्ते का समय दो...बस एक हफ्ते में देखना में इनकी (विकास दुबे) वो दशा बनाऊंगा कि इनको समझ में आ जाएगा...कि मैं चीज क्या हूं...उस दिन में लॉ एंड ऑडर वहां पब्लिक ऑर डिस्टर्ब
ना हो...इसलिए थाने के ऊपर बहुत जिम्मेदारियां होती हैं और बहुत कुछ सोचना पड़ता है...वो सारी चींजें सोच कर...वहां मैने वो किसी तरीके से निभाया....
राहुल-हां
विनय- ऐसा थोड़ी ना है कि सब रास्ते बंद हो गए...रास्ते तो हैं हमारे पास....एक नहीं बीस रास्ते हैं ये वो भी जानता है...अच्छी तरीके से....
राहुल-जी
विनय- समझ रहे हो
राहुल- जी जी..
विनय- राहुल हमारे ऊपर अगर भरोसा रखते हो तो तुम मुझे थोड़ा समय देदो...मैं बिना किसी लालच के लिए तुम्हारे साथ जो भी हो रहा है...मुझे नाकाबिले बर्दाश्त है...तुमसे ज्यादा स्थिति मेरी खराब है...मैं जितनी जल्दी हो सके इसका फैसला
करूंगा...
राहुल- जी जी
विनय- जो कुछ भी हुआ तुम्हारे साथ...उसका कष्ट तुमसे ज्यादा मुझको है...
राहुल- जी ठीक है सर
विनय- धीरज रखो थोड़ा सा मेरे ऊपर भरोसा रखो...और कोई ऐसा गलत काम मत करना...जिससे कि मैं अपने आप को माफ ना कर पाऊं..
राहुल- आप पर हमको भरोसा है....आपके भरोसे से गए थे आप क्यों इल्ज़ाम लगा रहे हैं....
विनय- लेकिन आप अपने साथ भी कुछ गलत नहीं करेंगे...
राहुल- मेरा जिंदगी का सवाल है ये आप भी जानते हो...
विनय- मैं जान रहा हूं...
राहुल- मर जाएंगे तो बच्चे-बीबी क्या करेंगे...आप बताइए...
विनय- तुम अपने बीबी बच्चों के साथ कुछ भी ऐसा मत करना जिससे अन्याय हो जाए.....मुझसे ज्यादा तुम्हें परेशानी है...
राहुल- साहब देख लो आप...
विनय- जुत जाने दो वो खेत. खेत वाले मामले में हम कमजोर हैं और इसमें इन्वॉल्व नहीं हो सकते. 

क्या था मामला
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.

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