रमापति शास्त्री बोले, साधु-संतों को ही नहीं, हर पात्र निराश्रित को मिलेगी पेंशन
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रमापति शास्त्री बोले, साधु-संतों को ही नहीं, हर पात्र निराश्रित को मिलेगी पेंशन

समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने स्पष्ट किया कि सरकार बिना जाति, मजहब और पंथ का भेद किए 38 लाख निराश्रितों को पेंशन दे रही है. 

उन्होंने बताया कि सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में शिविर लगाकर नये लाभार्थियों को जोड़ रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साधु-संतों को पेंशन देने की तैयारी की खबरों के बीच राज्य के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने स्पष्ट किया कि सरकार बिना जाति, मजहब और पंथ का भेद किए 38 लाख निराश्रितों को पेंशन दे रही है. शास्त्री ने बताया कि सरकार राज्य के 60 से 79 साल तक की आयु के 38 लाख निराश्रितों को पहले ही 400 रुपये प्रतिमाह पेंशन दे रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे बढ़ाकर अब 500 रुपये प्रति माह कर दिया है. इसके अलावा अब सरकार लाभार्थियों की संख्या में दो लाख का इजाफा करने जा रही है.

सरकार द्वारा साधु-संतों को पेंशन देने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि साधु-संतों को अलग से पेंशन देने की कोई योजना नहीं है. जो भी व्यक्ति पात्रता के दायरे में आयेगा, उसे पेंशन दी जाएगी. वह चाहे किसी भी मत, मजहब, पंथ या समुदाय का हो. उन्होंने कहा कि सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में शिविर लगाकर नये लाभार्थियों को जोड़ रही है. पात्र व्यक्ति उन शिविरों में जाकर पेंशन के लिये औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं.

इस बीच, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिव्यक्ति पेंशन में इस 100 रुपये की बढ़ोत्तरी से राजकोष पर 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार पड़ेगा. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में विधानसभा स्तर पर 20 और 30 जनवरी के बीच वृद्धावस्था पेंशन, पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन तथा दिव्यांगजन पेंशन कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिये हैं. इस पर अमल शुरू हो गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि शिविर के सफल संचालन के लिए जिलाधिकारी के स्तर से मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. इन शिविरों में पेंशन की स्वीकृति के बाद चयनित लाभार्थी के खाते में धनराशि डाल दी जाएगी.

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