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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुए हुड़दंग को लेकर आम जनता में काफी आक्रोश है. देश के अलग-अलग राज्यों के लोग किसानों के विरोध में खड़े हो गए हैं. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का स्थानीय लोगों ने गुरुवार को जमकर विरोध किया. लाल किला पर हुए हिंसा पर लोगों ने कहा कि 'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान'. वहीं उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरना स्थल पर पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर मौके का जायजा लिया.
26 जनवरी को एक्सप्रेस-वे पर निकाले थे ट्रैक्टर रैली
मथुरा में गुरुवार को जिले की पुलिस किसानों के धरना स्थल पर पहुंच कर वहां के माहौल की जानकारी ली. किसान नेता रामबाबू कटैलिया के नेतृत्व में 20 जनवरी से यहां पर धरने पर किसान बैठे हैं. 26 जनवरी को किसानों ने जबरन एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला था.थाना नौझझील क्षेत्र के बाजना स्थित मोरकी इंटर कॉलेज मैदान पर किसान अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
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थाने को किया गया सील
मुजफ्फरनगर के भाकियू के थाने पर धरना प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस मुस्तैद है. बैरियर लगाकर थाने के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है.थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह मुख्य गेट पर स्वयं मौजूद है. यहां के थाने को पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
दलित प्रेरणा स्थल पर बंद हुआ प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति का नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर चल रहा धरना प्रदर्शन खत्म हो चुका है.बीते बुधवार देर रात 12:00 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का धरना खत्म करवाया दी. वहीं मौके पर भारी संख्यां में पुलिस मौजूद है.
क्या बोलें ADG
यूपी के ADG कानून-व्यवस्था ने बताया कि 26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बार्डर, दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया है. बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया. यूपी गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है.
राकेश टिकैत के टेंट पर पुलिस ने चिपकाया नोटिस
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के धरना स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के टेंट के बाहर नोटिस चिपका दिया है. दिल्ली पुलिस नोटिस के जरिए राकेश टिकैत से पूछा है कि उनके खिलाफ ऐक्शन क्यों न लिया जाए? नोटिस में लिखा गया है कि 'आपको अपने संगठन से संबंधित ऐसे हिंसक कृत्यों के अपराधियों के नाम देने का निर्देश दिया जाता है. आपको 3 दिनों के भीतर अपना जवाब देना है.'
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