मंदिरों के नाम से अकाउंट बना किया लाखों का फर्जीवाड़ा, दस्तावेजों की हेराफेरी कर रकम ट्रांसफर
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मंदिरों के नाम से अकाउंट बना किया लाखों का फर्जीवाड़ा, दस्तावेजों की हेराफेरी कर रकम ट्रांसफर

रेड मिल नाम से मनी वॉलेट कंपनी को इस बारे में तब जानकारी हुई जब उनकी बैंक की तरफ से मैसेज मिला कि उन्होंने अपने ग्राहकों के खाते से अनाधिकृत तरह से पैसे ट्रांसफर किए हैं. लिहाजा कंपनी के खाते से पैसा काटकर ग्राहकों के खाते में वापस ट्रांसफर किया जा रहा है. 

मंदिरों के नाम से अकाउंट बना किया लाखों का फर्जीवाड़ा, दस्तावेजों की हेराफेरी कर रकम ट्रांसफर

श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर में राम मंदिर और सिद्धिविनायक मंदिर का अकाउंट बनाकर 14 लाख से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है. मनी वॉलेट कंपनी के 400 ग्राहकों के फिंगरप्रिंट क्लोन कर शातिरों ने रकम निकाल ली. फ्रॉड की जानकारी होने पर मनी वॉलेट कंपनी ने मामले की शिकायत पुलिस से कर एफआईआऱ दर्ज कराई. पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच पड़ताल में जुट गयी है.

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कंपनी को बैंक की तरफ से मिला मैसेज
रेड मिल नाम से मनी वॉलेट कंपनी को इस बारे में तब जानकारी हुई जब उनकी बैंक की तरफ से मैसेज मिला कि उन्होंने अपने ग्राहकों के खाते से अनाधिकृत तरह से पैसे ट्रांसफर किए हैं. लिहाजा कंपनी के खाते से पैसा काटकर ग्राहकों के खाते में वापस ट्रांसफर किया जा रहा है. कंपनी के अधिकारियों ने जब मामले की जांच पड़ताल की तो उसमें तीन ट्रस्ट के नाम सामने आए, जिन्होंने फर्जी तरह से कंपनी के पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल कर ग्राहकों के पैसे ट्रांसफर करा लिए.

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खुद का मनी वॉलेट भी चला रही है पीड़ित कंपनी
रायपुरवा स्थित यह कम्पनी पेटीएम, फोन पे समेत अन्य ऐसे वॉलेट की तरह ही खुद का मनी वॉलेट भी चला रही है जिसमें देश के लाखों ग्राहक हैं और पेमेंट के लिए उसका गेटवे इस्तेमाल करते हैं. कंपनी का ऑफिशियल एकाउंट यस बैंक में हैं. जुलाई में कम्पनी को मैसेज मिला कि उनके खाते से 14.12 लाख रुपये काटकर ग्राहकों के खाते में दिए जा रहे हैं.  

ग्राहकों के दस्तावेजों की हेराफेरी कर रकम ट्रांसफर 
इस पर कम्पनी की तरफ से जांच पड़ताल की गई तो जानकारी हुई कि यह रकम तीन ट्रस्टों-केयर लाइफ चेरीटेबल ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और श्री सिद्धिविनायक गणेश टेम्पल ट्रस्ट के नाम पर ग्राहकों के दस्तावेजों की हेराफेरी कर रकम को ट्रांसफर किया गया जिसके लिए पीड़ित कम्पनी के गेटवे का इस्तेमाल हुआ है. आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में सेंधमारी कर रघु ने ठगी की घटना को अंजाम दिया.

तीन ट्रस्ट के नाम सामने आए
कंपनी के डायरेक्टर आशीष पालीवाल का कहना है कि उन्हें फ्रॉड की जानकारी तब हुई जब बैंक ने उन्हें जानकारी दी. तफ्तीश करने पर पता चला कि तीन ट्रस्टों के नाम से बनाए गए अकाउंट के जरिये फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया.

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