12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है, लेकिन साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है.
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नई दिल्ली: उत्तराखंड के हरिद्वार (Haridwar) में इस बार कुंभ मेले का आयोजन 14 जनवरी से हो रहा है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन कुंभ स्नान का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष मिलता है. कुंभ मेले का आयोजन ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर ही होता है.
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इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन
कुंभ का मेला इस साल 11वें साल बाद पड़ रहा है. वैसे तो 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है, लेकिन साल 2022 में गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे. इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है.
सूर्य और देवगुरु बृहस्पति की अहम भूमिका
कुंभ मेले के आयोजन में सूर्य और देवगुरु बृहस्पति की अहम भूमिका मानी जाती है. इन दोनों ही ग्रहों की गणना के आधार पर कुंभ मेले के आयोजन की तारीख तय की जाती है. कुंभ में शाही स्नान के अलावा भी और कुछ खास तिथियों पर स्नान होते हैं. यहां जानते हैं सभी स्नानों की तारीखें. वैसे अधिकृत रूप से कुंभ मेला मार्च के शाही स्नान से प्रारंभ होगा.
कुंभ मेला 2021 का शुभ मुहूर्त और तिथि
6 अन्य स्नान
14 जनवरी 2021 मकर संक्रांति
11 फरवरी मौनी अमावस्या
16 फरवरी बसंत पंचमी
27 फरवरी माघ पूर्णिमा
13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (हिन्दी नववर्ष)
21 अप्रैल राम नवमी
कुंभ मेले के आयोजन में कोरोना गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. वहीं, भारत में टूरिस्ट वीजा पर रोक होने के चलते इस बार विदेशी श्रद्धालु भी कुंभ में बहुत कम संख्या में नजर आएंगे.
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