झांसी में अनुराग शर्मा खिलाएंगे 'कमल' या प्रदीप जैन का 'हाथ' थामेगी जनता, बसपा से रविप्रकाश मैदान में
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2249649

झांसी में अनुराग शर्मा खिलाएंगे 'कमल' या प्रदीप जैन का 'हाथ' थामेगी जनता, बसपा से रविप्रकाश मैदान में

Jhansi Lok Sabha Seat Chunav:  लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में झांसी सीट पर 20 मई को वोटिंग होगी. बीजेपी ने सिटिंग सांसद अनुराग शर्मा, सपा-कांग्रेस गठबंधन कोटे से पूर्व सांसद प्रदीप जैन आदित्य चुनाव लड़ रहे हैं.  बसपा ने रवि प्रकाश पर दांव लगाया है. 

UP Lok sabha Election 2024

Jhansi Lok Sabha Seat Chunav: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में झांसी सीट पर 20 मई को वोटिंग होगी. 2014 के बाद से यहां कमल खिल रहा है. बीजेपी ने सिटिंग सांसद अनुराग शर्मा को फिर मैदान में उतारा है. सपा-कांग्रेस गठबंधन कोटे से यहां से कांग्रेस के टिकट पर पूर्व सांसद प्रदीप जैन आदित्य चुनाव लड़ रहे हैं.  बसपा ने रवि प्रकाश पर दांव लगाया है. 

2019 में अनुराग शर्मा बने सांसद
बीजेपी से चुनाव लड़ रहे अनुराग शर्मा 2019 में भी झांसी से सांसद बने थे. अनुराग शर्मा ने करीब 3.60 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी. तब सपा और बसपा का प्रत्याशी चुनावी मैदान में था. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य 2009 में झांसी से सांसद रह चुके हैं. यूपीए-2 में वह केंद्र सरकार में राज्यमंत्री भी बने थे. बसपा ने कॉडर वोटर को साधने के लिए रवि कुशवाहा को उतारा है. वह अयोध्या के रहने वाले हैं. 

जातीय समीकरण
झांसी में करीब 21 लाख 61 हजार वोटर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे. इस सीट पर ब्राह्मण वोटर करीब 3.5 लाख, कुशवाहा 3 लाख, साहू मतदाता 2.5 लाख, मुस्लिम 2.75 लाख, जाटव वोटर 2.5 लाख, जैन 90 हजार और अन्य वोटर करीब 4 लाख के आसपास हैं. 

कांग्रेस का वर्चस्व
झांसी लोकसभा सीट पर एक समय कांग्रेस का दबदबा माना जाता था. 1977 का चुनाव छोड़ दें तो यहां 1989 तक कांग्रेस प्रत्याशी जीतते रहे. 1989 से 1998 तक यहां बीजेपी से राजेंद्र अग्निहोत्री चुनाव जीतते रहे.  1999 में कांग्रेस की वापसी हुई. 2004 में झांसी में पहली बार साइकिल चली थी. इसके बाद 2009 में कांग्रेस के टिकट पर प्रदीप जैन आदित्य चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 

'वेस्ट यूपी के बाद अलग बुंदेलखंड', बांदा पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती ने कर दिया बड़ा ऐलान

आजमगढ़ में मुस्लिम-यादव गठजोड़ का इम्तेहान, निरहुआ की लोकप्रियता क्या धर्मेंद्र यादव पर पड़ेगी भारी?

 

 

 

 

Trending news