नेम प्लाट विवाद में इमरान मसूद-हरेंद्र मलिक से चंद्रशेखर तक ने निकाली भड़ास, सुप्रीम फैसला आते ही हुए आक्रामक
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नेम प्लाट विवाद में इमरान मसूद-हरेंद्र मलिक से चंद्रशेखर तक ने निकाली भड़ास, सुप्रीम फैसला आते ही हुए आक्रामक

Name Plate Controversy: उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा नेम प्लेट के आदेश सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रोक लगाने के साथ ही विपक्षी सपा और कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गया है. सपा ने इसे बिना मतलब का बखेड़ा बताया है तो वहीं कांग्रेस ने इस समाज में जहर घोलने वाला आदेश बताया है.

नेम प्लाट विवाद में इमरान मसूद-हरेंद्र मलिक से चंद्रशेखर तक ने निकाली भड़ास, सुप्रीम फैसला आते ही हुए आक्रामक

Name Plate Controversy: कांवड़ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो सु्प्रीम कोर्ट ने सरकारी फैसले पर अंतरिम रोक लग दी और इसके साथ ही इस फैसले का विरोध कर रहा विपक्ष पहले से और आक्रामक हो गया.  विरोध करने वालों में सपा के पूर्व और मौजूद सांसद सबसे आगे दिखे तो वहीं कांग्रेस के अलावा आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद के भी मुखर स्वर सुनाई दिये. आइये आपको विस्तार से बताते हैं नेम प्लेट विवाद पर विपक्ष ने क्या कहा और यूपी सरकार के मंत्री सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब क्या जवाब दे रहे हैं. 

सपा नेताओं की प्रतिक्रिया 
सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा, "यूपी सरकार ने बिना मतलब के बखेड़ा खड़ा किया था. कांवड़ यात्रा में कोई समस्या नहीं आती है. ये आदेश संविदान के खिलाफ था. सावन में मांस की दुकानें बंद हैं, कोई भी सावन भर मांस नहीं खाता. सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करे."

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नगीना सांसद चंद्रशेखर ने क्या कहा

आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "मुस्लिम भी तो इंसान हैं, उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा था, उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबक सीखा जाएगा." 

कांग्रेस ने क्या कहा
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा, "माननीय उच्चतम न्यायालय ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के समाज में जहर घोलने वाले नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगाकर इस देश के भाईचारे को मजबूती दी है, और भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार को अलग अलग न्यायालय द्वारा बार बार किरकिरी का सामना करना पड़ रहा फिर भी सीख नही लेते, माननीय मुख्यमंत्री जी प्रदेश और परिवार बड़े मन और उदार भाव से चलता है , कभी भी इस तरीके के समाज में जहर बोलने वाले निर्णय को करने से पहले 100 बार आपको जरूर सोचना चाहिए ,और आज के माननीय उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से माननीय मुख्यमंत्री जी आपको सीख लेनी चाहिए." 

"सवाल नाम का नहीं नफरत का है"
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने भी नेम प्लेट वाले विवाद पर प्रतिक्रिया दी है. इमरान मसूद ने कहा, "सवाल नाम का नहीं बल्कि नफरत का है. देश में नफरत नहीं चल सकता है. 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग आरएसएस के विचाराधारा से सहमत नहीं है. आज आप धर्म के नाम पर पहचान पूछ रहे हैं,कल आप जाति के नाम पर पहचान पूछने लगेंगे. आप आखिर समाज को कहां ले जाना चाहते हो."

यूपी सरकार और मंत्री क्या बोले
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने नेम प्लेट विवाद पर कहा कि, " जो कोर्ट ने कहा है उसपर जवाब दिया जाएगा. उनके आदेश का पालन होगा. "

एक तरफ जहां विपक्ष  नेम प्लेट के आदेश पर 'सुप्रीम' रोक को यूपी सरकार के लिए झटका बता रहा तो वहीं सरकार के मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि, "सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश सरकार के लिए झटका नहीं है. अदालत के सामने हम अपना पक्ष रखेंगे. हमारा इरादा आस्था को लेकर किसी भी प्रकार से विवाद से बचने का था."

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