Lucknow Robotic Surgery - इस डिजीटल दुनिया में जहां सब कुछ आपके एक इशारे में होता हैं, वहीं लखनऊ के पीजीआई ने इस तकनीक को कुछ अलग तरह से इस्तेमाल किया है. डॉक्टरों इस बारे में क्या कहा आगे पढ़िए....
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मयूर शुक्ला/ लखनऊ- इस डिजिटल दुनिया के युग में जहां हमारे स्मार्टफोन पर सिर्फ एक क्लिक से हम सब कुछ कर सकता है. वहीं लखनऊ पीजीआई ने हार्ट सर्जरी के लिए ऐसे ही एक तकनीक का इस्तेमाल किया, जहां अब रोबोट हार्ट वॉल्व और दिल के छेद की सर्जरी करेंगे. रोबोट की मदद से वॉल्व की मरम्मत और बदले जाएंगे. जन्मजात बच्चों के दिल के छेद भी रोबोट भरेंगे. कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर (सीवीटीएस) सर्जरी के डॉक्टरों ने विशेष प्रशिक्षण ले लिए हैं जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं.
इस पर डॉक्टरों का क्या कहा है
सीवीटीएस विभाग के डॉ एसके अग्रवाल ने बताया कि अब रोबोट कि मदद से बाईपास और थोरेसिक सर्जरी की जाएगी. अब तक लगभग 130 मरीजों के ऑपरेशन किए जा चुके है. डॉ अग्रवाल का कहना है कि सामान्य ऑपरेशन में सीने में बड़ा चीरा लगाया जाता है लेकिन रोबोटिक सर्जरी में एक से दो सेमी के चीरे लगाएंगे. कम चीरे की वजह से घाव भी जल्दी भरेगा.
2019 में पहली सर्जरी
वही पीजीआई निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि पीजीआई में इस से पहले 2019 मे इंडोक्राइन सर्जरी विभाग में मरीजों की रोबोटिक सर्जरी शुरू की थी. आज के समय मे संस्थान में एक रोबोट की मदद से पांच विभाग रोबोटिक सर्जरी कर रहे हैं. सभी विभागों में अब तक करीब 1100 ऑपरेशन किए जा चुके हैं. हार्ट वॉल्व और दिल के छेद की सर्जरी अगस्त से शुरू होगी. जिसकी वजह से अब जटिल ऑपरेशन के लिए नहीं दूसरे शहर जाने की जरूरत नहीं होगी.
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