शौर्य के 20 साल: महाराजगंज के वह दो लाल जिन्होंने कारगिल युद्ध में दी थी प्राणों की आहुति
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शौर्य के 20 साल: महाराजगंज के वह दो लाल जिन्होंने कारगिल युद्ध में दी थी प्राणों की आहुति

शहीद सैनिकों की प्रतिमाओं पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्थानीय लोग एवं पूर्व सैनिक उन्हें याद कर जयकारे लगा रहे हैं. उन्हें गर्व है कि उनके क्षेत्र के रहने वाले दो वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. 

नौतनवा कस्बे के दो वीर सपूत शहीद पूरन बहादुर थापा और शहीद प्रदीप थापा कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे.

महाराजगंज, अमति त्रिपाठी: कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने का जश्न आज (26 जुलाई) को पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस दौरान कारगिल युद्ध में शहीद हुए उन जवानों को भी याद किया जा रहा है, जिन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्तानी सैनिकों को भारत की सीमा से मार भगाया था. उन सैनिकों में महाराजगंज जनपद के नौतनवा कस्बे के दो वीर सपूत शहीद पूरन बहादुर थापा और शहीद प्रदीप थापा भी थे, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपनी शहादत दी थी. 

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पाक सैनिकों से लिया था लोहा
कारगिल के युद्ध में महाराजगंज जनपद के नौतनवा कस्बे के निवासी शहीद पूरन बहादुर थापा और शहीद प्रदीप थापा ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सैनिकों से जमकर लोहा लिया और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. आज इन वीर सैनिकों को पूरा क्षेत्र याद कर रहा है. 

 

शहीदों को किया याद
शहीद सैनिकों की प्रतिमाओं पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्थानीय लोग एवं पूर्व सैनिक उन्हें याद कर जयकारे लगा रहे हैं. उन्हें गर्व है कि उनके क्षेत्र के रहने वाले दो वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. पूर्व सैनिकों एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि देश के लिए शहीद हुए इन वीर सैनिकों के कारण ही आज उनका सीना गर्व से चौड़ा है.

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सद्भावना मैराथन रैली का किया आयोजन
वहीं, कारगिल विजय दिवस के मौके पर महाराजगंज के भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी एवं स्थानीय लोगों द्वारा एक सद्भावना मैराथन रैली का आयोजन किया गया. जिसमें भारी संख्या में स्कूली बच्चों, एसएसबी जवान एवं स्थानीय लोगों ने हिस्सा लेकर देश प्रेम का संदेश दिया. एसएसबी के अधिकारियों का कहना था कि सद्भावना रैली का उद्देश्य लोगों के अंदर देश प्रेम की भावना जागृत करना है.

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