UP विधानसभा के विशेष सत्र में SC/ST के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव पास
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UP विधानसभा के विशेष सत्र में SC/ST के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव पास

आज विधानसभा के विशेष सत्र में प्रश्नकाल नहीं हुआ. केवल, नियम-51, नियम-301 और याचिकाओं को ही लिया गया.

UP विधानसभा के विशेष सत्र में SC/ST के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव पास

लखनऊ: साल 2019 के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि को 10 साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया.

लोकसभा से पास हए 126वें संविधान संशोधन को यूपी विधानसभा के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण बढ़ाये जाने का समर्थन किया और कहा कि आज साल के आखरी दिन भी विशेष सत्र बुलाकर हमने आज रिकार्ड बनाया है. इससे पहले भी हम लोगों ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर विशेष सत्र बुलाया था. साथ ही 26 नवम्बर को विशेष सत्र बुलाया गया था, लिहाजा इस साल 3 विशेष सत्र बुलाकर एक रिकॉर्ड भी बनाया है.

इस मौके पर सदन में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि लोकसभा से पास संविधान में 126वें संशोधन को पास करने के लिए हम सब तैयार हैं. विधायिका में 25 जनवरी 2020 तक ही आरक्षण का समय था. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार किसी जाति, मजहब के लिए नहीं है. गांवों के लिए, भारत के विकास के लिए, ये प्रावधान है. जिससे सब एक साथ आगे बढ़ सकें, करोड़ों की संख्या में आवास और शौचालय दिया गया. विद्युत कनेक्शन दिया गया, रसोई गैस कनेक्शन दिया गया. यह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. बीमा योजना का लाभ दिया गया.

सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हम वोट बैंक की सियासत नहीं करते. हमारे लिए सबका साथ सबका विकास ही लक्ष्य है. सीएम ने कहा कि 2015 और 2016 में यूपी में एससी/एसटी के छात्रों को छात्रवृत्ति भी नहीं दी गई, लेकिन जब हमारी सरकार आई तो सभी छात्रों को छात्रवृति दी गई.

सीएम ने दावा किया कि हमने क्षेत्र और भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया. इसलिए आज हम इसे समर्थन करने के लिए सदन में उपस्थित हैं. लोकसभा में भी सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ है. यहां भी पूरे सदन से अपील करता हूं कि सर्व सम्मति से इस विधेयक को पारित करें.

इसके बाद इसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. विपक्ष ने भी इसका समर्थन किया. बता दें कि आज विधान सभा के विशेष सत्र में प्रश्नकाल नहीं हुआ. केवल, नियम-51, नियम-301 और याचिकाओं को ही लिया गया.

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