शहीद की मां ने कहा, 'पाकिस्तान इतना बड़ा भी नहीं कि उसे खत्म न किया जा सके'
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शहीद की मां ने कहा, 'पाकिस्तान इतना बड़ा भी नहीं कि उसे खत्म न किया जा सके'

शहीद अजय का पार्थिव शरीर सोमवार को देर रात सैन्य अस्पताल लाया गया. मंगलवार की सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. 

फोटो ANI

नई दिल्लीः पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के जवान अजय कुमार की मां ने कहा है कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है, उसने मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. मेरठ के जवान अजय कुमार की अंतिम यात्रा मंगलवार की सुबह सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली. शहीद अजय का पार्थिव शरीर सोमवार को देर रात सैन्य अस्पताल लाया गया. मंगलवार की सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. इससे पहले, पश्चिम उप्र सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पी एस साई, सैन्य अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर एस सी गुप्ता और 18 गढ़वाल के कमान अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी.

इसके बाद ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद अजय कुमार अमर रहें’ के नारे के बीच, शहीद अजय के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में रखकर सैन्य अस्पताल से अंतिम यात्रा के लिए निकाला गया. शहीद के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सेना के 18 गढ़वा रेजीमेंट को दी गई है. पूरी व्यवस्था को रेजीमेंट के कमान अधिकारी स्वयं देख रहे हैं. सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग, शहीद अजय के अंतिम दर्शनों के लिए खड़े थे. रास्ते पर वाहनों से आने जाने वाले लोगों ने भी वाहन रोक कर अजय की शहादत को नमन किया.

मेरठ में सिपाही अजय कुमार की मां ने कहा, 'पाकिस्तान ने इतने सारे बेटों को मार डाला, पाकिस्तान इतना बड़ा भी नहीं है कि उसे खत्म ना किया जा सके. भारत एक दिन में पाकिस्तान का खात्मा कर सकता है. मुझे मेरे बेटे पर गर्व है, उसने अपने देश के लिए शहादत दी है '

मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को दी गई अंतिम विदाई, नम आंखों से पत्नी ने सैल्यूट कर दी श्रद्धांजलि 
पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को आज अंतिम विदाई दी गई. ढ़ौंडियाल की अंतिम विदाई में उनका पूरा पैतृक गांव पहुंचा. मंगलवार सुबह अंतिम विदाई के दौरान जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया. वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए. शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई. अंतिम विदाई के दौरान उनकी पत्नी उनके सैल्यूट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. अंतिम विदाई के दौरान उनकी पत्नी तिरंगे में लिपटे मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के पार्थिव शरीर के पास ही बैठी रहीं और एक टक देखती रहीं. बता दें कि मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की शादी को महज 10 महीने हुए थे. देखिए यह मेजर की अंतिम विदाई का वीडियो.

उधर हरियाणा के रेवाड़ी में शहीद सिपाही हरि सिंह के घर पर भी परिजन हाथों में फूल लिए वीर सपूत के आने का इंतजार करते दिखे.

बता दें कि सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद सेना और सुरक्षाबलों ने सोमवार (18 फरवरी) को जैश के 3 आतंकियों को ढेर कर दिया. सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा किए गए ज्वाइंट ऑपरेशन में सेना के एक मेजर समेत 4 जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक जवान ने देश की रक्षा में शाहदत दी.  मुठभेड़ में सेना के मेजर वी एस ढोंडियाल, हवलदार एस राम और सिपाही हरि सिंह एवं अजय कुमार शहीद हो गए. इसके साथ ही पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शहीद हुए. 

(इनपुट भाषा)

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