मथुरा में पर्यटकों के लिए बरसाना में बनेगा रोप-वे, अगले वर्ष हो जाएगा तैयार
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मथुरा में पर्यटकों के लिए बरसाना में बनेगा रोप-वे, अगले वर्ष हो जाएगा तैयार

भगवान राम के वनवास दौरान उनकी विश्राम स्थली रही चित्रकूट के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की लीला भूमि बरसाना में रोप-वे तैयार होने जा रहा है. 

वन विभाग की जमीन का हस्तांतरण हो जाने के बाद परियोजना मूर्त रूप लेने लगेगी.

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के बरसाना कस्बे में ब्रह्मांचल पर्वत पर तकरीबन 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित राधारानी मंदिर के दर्शनों के लिए अब श्रद्धालुओं को साढे़ तीन सौ सीढ़ियां चढ़कर नहीं जाना पड़ेगा. ब्रज तीर्थ विकास परिषद उनकी सुविधा के लिए रोप-वे बनाने जा रहा है. रोप-वे बनने से, 187 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक कुछ ही मिनट में पहुंचा जा सकेगा.

भगवान राम के वनवास दौरान उनकी विश्राम स्थली रही चित्रकूट के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की लीला भूमि बरसाना में रोप-वे तैयार होने जा रहा है. इसके लिए पर्यावरण संबंधी मामले में उच्चतम न्यायालय से भी हरी झंडी मिल चुकी है. उम्मीद है कि जुलाई माह में वन विभाग की जमीन का हस्तांतरण हो जाने के बाद परियोजना मूर्त रूप लेने लगेगी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान ही चित्रकूट के विन्ध्यांचल पर्वत और मथुरा के बरसाना स्थित ब्रह्मांचल पर्वत की पहाड़ियों पर रोप-वे बनाने की योजना तैयार की गई थी. लेकिन मथुरा में यह योजना पर्यावरण संबंधी स्वीकृति में उलझ गई तो संबंधित कंपनी ने चित्रकूट को प्राथमिकता देते हुए वहां पहले काम शुरु करा दिया. 

बहरहाल, अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित ब्रज तीर्थ विकास विकास परिषद ने पहल करते हुए इस योजना को पूरा कराने का बीड़ा उठाया है. परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नागेंद्र प्रताप ने बताया, 'चित्रकूट में रोप-वे तैयार होने के साथ ही अब मथुरा में भी रोप-वे के निर्माण में आ रही सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं. सिर्फ वन संबंधी जमीन का हस्तांतरण बाकी है, जिसके एक माह में हो जाने की संभावना है'. 

उन्होंने बताया, 'ब्रज क्षेत्र के पर्यटन विकास की सम्भावनाओं के मद्देनजर ब्रज तीर्थ विकास परिषद को बरसाना में यह सुविधा उपलब्ध कराने का विचार आया. इस पर तैयारी की जा चुकी थी. लेकिन कुछ कानूनी अड़चनों के चलते कार्य में विलम्ब हो रहा था। अब उन सभी समस्याओं का निराकरण हो चुका है'. 

प्रताप ने बताया, 'यह परियोजना पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप मॉडल के आधार पर विकसित की जाएगी। निजी क्षेत्र की कंपनी ही इसका निर्माण और संचालन करेगी'. उन्होंने कहा कि 200 मीटर के रोप-वे के निर्माण में लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. परियोजना एक साल में पूरी हो जाएगी। सम्भवत: अगले वर्ष लठामार होली तक श्रद्धालुओं के लिए रोप-वे चालू हो जाएगा.

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