चरित्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया के कारण हो देरी को देखते हुए योगी सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक खुशखबरी है. अब उनकी नियुक्ति में चरित्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन बाधा नहीं बनेगी. बल्कि वह खुद से सत्यापित करके नियुक्ति पत्र हासिल कर सकें. दरअसल, चरित्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया के कारण हो देरी को देखते हुए योगी सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है.
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खुद से करें सत्यापित, लेकिन ना दें गलत जानकारी
एक दैनिक राष्ट्रीय अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसको लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के किसी भी सेवा के लिए चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन पहले की तरह ही किया जाएगा. लेकिन नियुक्ति पत्र इस तरह के सत्यापन की वजह से लंबित नहीं किया जाएगा. अभ्यर्थी, अधिकारी को स्वघोषणा पत्र देकर न्युक्ति पत्र हासिल कर सकते हैं.
अभ्यर्थी को प्रोवोजिनल नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. इसमें इस बात का जिक्र किया जाएगा कि यदि अभ्यर्थी का चरित्र और पिछला रिकॉर्ड सत्यापित नहीं होता है. या उसके द्वारा अपने स्वसत्यापन या घोषणा पत्र में कोई गलत सूचना दी गई है, तो प्रोविजनल नियुक्ति पत्र तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा. इसके अलावा गलत जानकारी देने के लिए आपराधिक और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
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मिलेगा सुनवाई का मौका
ऐसा नही हैं किसी भी अभ्यर्थी का नियुक्ति पत्र तुरंत रद्द हो जाएगा. तथ्य सही नहीं पाए जाने पर सुनवाई का मौका मिलेगा. वहीं, जिन मामलों में नियुक्ति प्राधिकारी को लगता है कि मामला संवेदनशील है, तो विस्तृत पूर्व सत्यापन के बाद ही किया जाएगा.
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