स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी है कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में दो फैक्टरी तैयार की गई हैं. निरीक्षण पूरा होने के बाद इसमें ब्लैक फंगस की दवाइयों के उत्पादन की परमीशन दी जाएगी.
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देहरादून: कोरोना महामारी ने लोगों को मुसबीतों से घेरकर रखा हुआ है, इसी बीच ब्लैक फंगस ने अब कहर बरपाना शुरू कर दिया है. अब इसके इलाज के लिए केंद्र और हर राज्य सरकार अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश कर रही है. इसी बीच ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवाई एंफोटेरिसिन-बी अब जल्द उत्तराखंड में तैयार की जाएगी. बताया जा रहा है कि राज्य में इसके लिए दो फैक्ट्री तैयार हो चुकी हैं.
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निरीक्षण पूरा होते ही उत्पादन शुरू होगा
जानकारी के मुताबिक, बीते बुधवार इन फैक्ट्रियों के निरीक्षण के लिए केंद्र की टीम भी पहुंची. स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी है कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में दो फैक्टरी तैयार की गई हैं. निरीक्षण पूरा होने के बाद इसमें ब्लैक फंगस की दवाइयों के उत्पादन की परमीशन दी जाएगी. एक बार उत्पादन शुरू हो जाए तो उत्तराखंड के साथ दूसरे राज्यों में भी दवा भेजी जा सकेगी.
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दवाओं की डिमांड केंद्र को भेजी गई
बताया जा रहा है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए उत्तराखंड में 50 वायल भेजी गई हैं. अभी 500 और वायल की डिमांड सेंटर के पास पहुंची है. वहीं, ऋषिकेश के एम्स से आई 7500 की डिमांड के लिए भी केंद्र को सूचित कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल के लिए चिंता की कोई बात नहीं है. अभी सही मात्रा दवाएं हमारे पास उपलब्ध हैं.
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DRDO की नई दवा का इस्तेमाल की प्रक्रिया शुरू
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने DRDO द्वारा बनाई गई दवा 2 डीऑक्सी डी-ग्लूकोज (2डीजी) के इस्तेमाल का प्रोसेस शुरू कर दिया है. सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि इस दवा के लिए तकनीकी समिति को पत्र भेजा गया है. यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
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