वर्तमान में ग्रामीणों के पास प्रधानों को लेकर काफी शिकायतें हैं. ऐसे कई गांव हैं, जहां लोगों को आवास, राशन कार्ड जैसी सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. फिर देखें संभावित प्रत्याशियों ने क्या किया...
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. अप्रैल में मतदान भी कराए जा सकते हैं. ऐसे में मौजूदा प्रधान अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं. वहीं, संभावित प्रधान प्रत्याशी चुनाव में झंडे गाड़ने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में खबर सामने आई है कि प्रधान पद के लिए लड़ने वाले उम्मीदवारों ने नया हथकंडा अपनाया है, जिससे मौजूदा प्रधानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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प्रत्याशियों ने निकाला नया तरीका
दरअसल, वर्तमान में ग्रामीणों के पास प्रधानों को लेकर काफी शिकायतें हैं. ऐसे कई गांव हैं, जहां लोगों को आवास, राशन कार्ड जैसी सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. उन ग्रामीणों की मदद करने के लिए कई प्रत्याशी समाजसेवा कर रहे हैं. वे अब ग्रामीणों को तहसील या ब्लॉक तक लाने में जुट गए हैं. ऐसे ही, हर रोज ही कई तरीके की शिकायतें तहसील और ब्लॉक अधिकारियों के सामने रखी जा रही हैं.
पट्टे में जमीन न मिलने से नाराज ग्रामीण आए अधिकारियों के पास
जैसे-जैसे यूपी पंचायत चुनाव पास आ रहे हैं, गांवों में शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है. प्रधान का कार्यों से नाराज जनता की मदद को अब प्रधान प्रत्याशी हाथ बढ़ा रहे हैं. अब तक जो लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह गए थे, उनके सामने समाज सेवी बन कर नए उम्मीदवार खड़े हो गए हैं. फरियादियों को शिकायत करने की सही जगह दिखाते हुए उम्मीदवारों ने शिकायत दर्ज कराने में लोगों की पूरी मदद की है. जानकारी के मुताबिक, नगराम इलाके में संभावित प्रत्याशी के साथ मिलकर गांव के कई लोग पट्टे में जमीन न मिलने की शिकायत लेकर तहसील अधिकारियों के पास पहुंचे हैं.
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प्रार्थना पत्र लिखवाने में भी मदद कर रहे उम्मीदवार
इतना ही नहीं, अब प्रधानों पर आरोप भी लगाए गए हैं कि उन्होंने पट्टा देने के नाम पर हजारों रुपये की वसूली तो की, लेकिन जमीन नहीं दिलाई. ऐसा सिर्फ एक गांव में नहीं हो रहा, बल्कि कई गांवों के फरियादी अब अपनी शिकायतें लेकर घर से निकल रहे हैं और योजनाएं ने देने का आरोप ग्राम प्रधानों पर लगाया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि इन शिकायतकर्ताओं का पत्र लिखवाने से लेकर अधिकारियों तक पहुंचाने का काम संभावित प्रधान प्रत्याशी ही कर रहे हैं.
सच या झूठ का पता लगा रहे अधिकारी
अब अधिकारी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए यह भी देख रहे हैं कि यह चुनावी रंजिश में की जा रही हैं या ग्रामीण सच में दिक्कत में हैं.
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योगी सरकार ने दी यह बड़ी राहत
जानकारी मिली है कि प्रदेश में 10, 50, 100 और 500 रुपये के स्टाम्प की बिक्री में हो रही कालाबाजारी के रोकने की शुरुआत हो गई है. विक्रेताओं ने स्टाम्प के नाम पर जो कालाबजारी की शुरुआत की है, उसे देखते हुए राज्य के स्टाम्प और पंजीयन विभाग ने ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग सेल्फ प्रिंटिंग की व्यवस्था लागू कर दी है. ऐसे में अब नामांकन के दौरान स्टाम्प पेपर के लिए मारामारी नहीं होगी.
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