केंद्रीय मंत्री निशंक बोले, 'उत्तराखंड में मौजूद है संजीवनी बूटी, शोध की है जरूरत'
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केंद्रीय मंत्री निशंक बोले, 'उत्तराखंड में मौजूद है संजीवनी बूटी, शोध की है जरूरत'

केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि उत्तराखंड में संजीवनी मौजूद है. इस बात का प्रमाण रामायण काल में भी मिलता है.

उन्होंने कहा कि कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जिसका इस्तेमाल सांप के काटने पर भी किया जाता है. उत्तराखंड के द्रोणागिरी पर्वत से ही हनुमान संजीवनी बूटी लेकर श्रीलंका गए थे.

देहरादून: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शनिवार को दून विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर आयोजित सेमिनार में शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री निशंक ने एक बार फिर से संजीवनी बूटी पर रिसर्च करने की वकालत की. केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि संजीवनी का प्रमाण तो रामायण काल में भी मिलता है. उन्होंने उदाहरण देकर भी अपनी बात को पूरी मजबूती के साथ रखा और इसके रिसर्च करने पर जोर दिया.

 

 

केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि उत्तराखंड में संजीवनी मौजूद है. इस बात का प्रमाण रामायण काल में भी मिलता है. उन्होंने कहा कि कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जिसका इस्तेमाल सांप के काटने पर भी किया जाता है. उत्तराखंड के द्रोणागिरी पर्वत से ही हनुमान संजीवनी बूटी लेकर श्रीलंका गए थे. रमेश पोखरियाल ने कहा कि कई साल पहले श्रीलंका में एक बैठक में उन्होंने इस बात को कहा था कि उत्तराखंड से ही श्रीलंका हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आए थे. उस बयान की चर्चा दुनियाभर में हुई थी. उन्होंने कहा कि संजीवनी बूटी मौजूद है और इसके लिए रिसर्च करने की जरूरत है.

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