UP Legislative Council: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी समाजवादी पार्टी को मिलने वाली है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव यह जिम्मेदारी किसे सौंपेंगे, यह देखना होगा.
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विधान परिषद में 13 नवनिर्वाचित सदस्यों के शुक्रवार को शपथ लेते ही सपा परिषद में भी नेता प्रतिपक्ष की हकदार हो जाएगी.अभी यह पद खाली चल रहा है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सपा एमएलसी जासमीन अंसारी, शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, राजेंद्र चौधरी और लाल बिहारी यादव आगे बताए जा रहे हैं.
पांच मई तक सपा के विधान परिषद में नौ सदस्य थे, जोकि सदन की कुल संख्या के 10 प्रतिशत से कम थे. नतीजतन, विधान परिषद में सपा को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया गया था। मानक के अनुसार नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए न्यूनतम 10 प्रतिशत सदस्य होने चाहिए.
विधान परिषद में पांच मई को रिक्त हुए 13 पदों के लिए पहले ही मार्च में आयोग ने चुनाव करा लिए थे। इसमें 10 सीटें भाजपा और उनके सहयोगियों को मिलीं। जबकि तीन सदस्य सपा के बनें। इस तरह से उच्च सदन में सपा के सदस्यों की संख्या 12 हो गई है, जोकि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिहाज से नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद प्रभावी होगी.
उधर विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष का भी पद खाली हो गया है, क्योंकि अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया है. वो कन्नौज से सांसद चुने जाने के साथ अब केंद्रीय राजनीति में सक्रियता बढ़ाने के संकेत दे चुके हैं. यूपी में शिवपाल सिंह यादव या किसी दलित नेता को विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर चुना जा सकता है.