आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी अब एक्शन मोड में हैं. युवाओं को रोजगार, यूपी का विकास जैसे तमाम मुद्दों को लेकर बसपा मैदान में उतरने जा रही है.
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लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने कमर कस ली है. अमूमन घोषणा पत्र जारी न करने वाली मायावती इस बार घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में हैं. मायावती ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वो किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेंगी और 403 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी.
किसी भी तरह के गठबंधन से किया मना
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी अब एक्शन मोड में हैं. युवाओं को रोजगार, यूपी का विकास जैसे तमाम मुद्दों को लेकर बसपा मैदान में उतरने जा रही है. अमूमन बीएसपी अपना घोषणा पत्र जारी नहीं करती रही लेकिन इस बार मायावती घोषणा पत्र जारी करेंगी. हालांकि, बीएसपी ने अभी किसी भी तरह के गठबंधन से मना किया है और अपने दम पर सभी 403 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी.
घोषणा पत्र जारी करने से पार्टी का व्यू पता चलता है- भाजपा
भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि घोषणा पत्र जारी करना एक चुनावी प्रक्रिया है. मायावती लंबे अंतराल के बाद उस प्रक्रिया में शामिल होना चाहती हैं, तो उनका स्वागत है. घोषणा पत्र जारी करने से पार्टी का व्यू पता चलता है लेकिन अपनी सरकार के समय जो उनके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मुकदमे चले उसके बारे में भी मायावती को बताना चाहिए.
समाजवादी पार्टी ने कसा तंज
वहीं, मायावती के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता विवेक शैलेश ने भी तंज कसा है. उन्होंने कहा कि 4 बार मुख्यमंत्री रहने के बाद अब मायावती अपना घोषणा पत्र लेकर आ रही हैं. उनका स्वागत है. इसी तरह भाजपा भी अपना घोषणापत्र लेकर आई थी. अब जनता चीख-चीख कर पूछ रही है कि कितने वादे पूरे हुए. सिर्फ समाजवादी पार्टी ही ऐसी पार्टी है जिसने अपने घोषणापत्र के सारे वादे पूरे किए बाकी सब जुमलेबाजी है.
बदली-बदली सी नजर आ रही मायावती से यहां पर सवाल यह उठता है कि कभी भी घोषणा पत्र जारी न करने वाली बीएसपी को आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि पहले से ही यूपी की जनता को रिझाने के लिए घोषणा पत्र जारी करना पड़ रहा है. ऐसे में देखना यह होगा कि सभी सीटों पर दांव खेलने के लिए तैयार मायावती की रूपरेखा जनता को कितनी रास आएगी.
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