UPPCS: अनुपम ने 30 लाख की नौकरी छोड़कर शुरू की थी तैयारी, 2nd रैंक लाकर दादा का सपना किया साकार
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UPPCS: अनुपम ने 30 लाख की नौकरी छोड़कर शुरू की थी तैयारी, 2nd रैंक लाकर दादा का सपना किया साकार

अनुपम मिश्रा ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिवार वालों को दिया है. अनुपम अपने परिवार में दो बहनों में इकलौता भाई है. पिता एलआईसी में अधिकारी है. अनुपम की प्रारंभिक शिक्षा प्रयागराज में हुई है.

अनुपम मिश्रा सिविल सेवा परीक्षा में पहली बार शामिल हुए जिसमें मेन्स तक गए, लेकिन एक नंबर की वजह से रह गए.

प्रयागराजः लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2017 परीक्षा के अंतिम परिणाम ने प्रयागराज मंडल के कई छात्रों के सपनों को साकार किया है. डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी बनने का इन सभी छात्रों का ख्वाब सच हुआ है. यूपीपीएससी 2017 के पहले स्थान पर प्रतापगढ़ के अमित शुक्ला दूसरे स्थान पर प्रयागराज के अनुपम मिश्रा और तीसरे स्थान पर प्रतापगढ़ की मीनाक्षी ने अपना परचम लहराया है. यूपीपीसीएस में दूसरा स्थान हासिल करने वाले अनुपम मिश्रा प्रयागराज के नैनी इलाके के रहने वाले हैं. अनुपम की कामयाबी के चलते घर में खुशी का माहौल है और अनुपम को आशीर्वाद देने के लिए लोगों का तांता भी लगा हुआ है.

अनुपम मिश्रा ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिवार वालों को दिया है. अनुपम अपने परिवार में दो बहनों में इकलौता भाई है. पिता एलआईसी में अधिकारी है. अनुपम की प्रारंभिक शिक्षा प्रयागराज में हुई है. आपको बता दें अनुपम मिश्रा 2012 से 2016 तक विदेश में जाकर के अमेरिका की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नौकरी भी कर चुके हैं. 15 लाख के सालाना पैकेज पर नौकरी करने वाले अनुपम ने 4 साल तक वहां काम किया. वह 2016 में मल्टीनेशनल कंपनी क्रोनोस इस्तीफा देकर अपने दादा का सपना साकार करने की मुहिम में जुट गए.

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कंपनी ने उन्हें 30 लाख तक के पैकेज का ऑफर किया, लेकिन उन्हें इस पैकेज से बड़ा अपने दादा का सपना लगा. वह नहीं माने और नौकरी छोड़ कर के घर लौट आए. यहां उन्होंने अपनी तैयारी शुरू की सिविल सेवा परीक्षा में पहली बार शामिल हुए जिसमें मेन्स तक गए, लेकिन एक नंबर की वजह से रह गए. फिर पीसीएस 2017 की परीक्षा दी जिसमें उन्होंने दूसरा स्थान हासिल करना केवल अपने दादा के सपनों को साकार किया बल्कि अपने मां-बाप की मेहनत और त्याग का को भी सार्थक कर दिया. 

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बातचीत करते हुए अनुपम मिश्रा ने बताया कि यह पल उनके लिए बेहद खास है. क्योंकि 2016 में जब नौकरी छोड़कर आए तो उसके बाद से ही उनके ऊपर कुछ कर दिखाने का प्रेशर था. कड़ी मेहनत और लक्ष्य को पूरा करने  की जिद ने अनुपम मिश्रा के सपनों को साकार किया है. उधर अनुपम की मां का कहना है कि अनुपम रात दिन पढ़ाई में व्यस्त रहता था और नवरात्र के दौरान रखे गए उपवास का असर है कि आज अनुपम मिश्रा ने पूरे प्रयागराज का नाम रोशन किया है.

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