Indian Railway : ट्रेनों से नहीं सुनाई देगी कानों का पर्दा फाड़ने वाली आवाज, भारतीय रेलवे नए साल में चालू करेगा नई तकनीक
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Indian Railway : ट्रेनों से नहीं सुनाई देगी कानों का पर्दा फाड़ने वाली आवाज, भारतीय रेलवे नए साल में चालू करेगा नई तकनीक

Indian Railway : ट्रेनों के इंजन से अभी भी तेज आवाज वाला हार्न बजता है, जिससे भयंकर आवाज निकलती है. इंडियन रेलवे नए साल में नई तकनीक पेश करेगा.

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Indian Railway : भारतीय रेलवे में ट्रेनों के हार्न की कानों का पर्दा फाड़ने वाली आवाज जल्द ही बीते दिनों की बात होगी. शताब्दी, राजधानी, तेजस जैसी बड़ी ट्रेनों से इतर अब ईएमयू-मेमू जैसी लोकल ट्रेनों (Local Train) से भी अब कानफोड़ू शोर नहीं सुनाई देगा. ट्रेनों से निकलने वाली ऐसी आवाजें आसपास की आबादी की रात में नींद खराब करती हैं, बल्कि रेलयात्री को भी इसकी आवाज रेलयात्रा के दौरान असहज करती है. 

लेकिन रेलवे जल्द ही ट्रेनों और स्टेशनों में ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण को कम करने वाली टेक्नोलॉजी लाने जा रहा है. इन 
For the EMU - MEMU ट्रेनों को हेड ऑन जनरेशन वाली रेलगाड़ियों में बदला जाएगा.खबरों के मुताबिक, ईएमयू-मेमू, कोलकाता मेट्रो और वंदे भारत ट्रेनों में  IGBT आधारित 3 फेज वाली टेक्नोलॉजी जल्द ही फिक्स की जाएगी. 

वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) अभी स्वचालित दरवाजे, वाईफाई, जीपीएस से जुड़ी यात्री की सूचनाएं और एलईडी सिस्टम से लैस हैं. जबकि जीपीएस आधारित पैसेंजर अनाउंसमेंट कम पैसेंजर इनफारमेशन सिस्टम  (PAPIS) भी ईएमयू और कोलकाता मेट्रो में लगाया जा चुका है. पैसेंजर इनफारमेशन सि्टम (passenger information system)  ट्रेन के भीतर आवाज के जरिये आने वाले स्टेशन की जानकारी देता है. साथ ही वीडियो स्क्रीन पर भी ये डिस्प्ले होता रहता है.

एयरकंडीशन यानी एसी से लैस लोकल ट्रेनें पहले ही मुंबई समेत पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे में चलाई जा रही हैं. सीसीटीवी कैमरा (CCTV camera) और इमरजेंसी टॉक बटन भी लगाया जा रहा है. जबकि फ्लैशर लाइट और सीसीटीवी कैमरे सबसे पहले लेडीज कोच में लगाए जाने हैं. कोच की अलार्म चेन खींचने के साथ लाइट जलने और तेज आवाज वाला बजर भी स्टार्ट होगा.

हाई हार्सपावर वाले इंजनों के साथ 2811 रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग भी 31 अक्टूबर तक हो चुकी है. कोहरे या तेज स्पीड में ट्रेनों को आमने-सामने से टकराने से रोकने के लिए ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (Kavach) भी भारतीय रेलवे हर जगह लगा रहा है. अब तक 77 इंजनों में 1455 रेल रूट पर कवच लगाया जा चुका है. 

रेलवे देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन का कार्य भी कर रहा है, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलावा कानपुर सेंट्रल, प्रयागराज, वाराणसी जंक्शन को भी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस किया जा रहा है. 

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