क्या सपा के कुछ नेता बीजेपी में होंगे शामिल, ओपी राजभर के बाद भूपेंद्र चौधरी के बयान से लगे कयास
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क्या सपा के कुछ नेता बीजेपी में होंगे शामिल, ओपी राजभर के बाद भूपेंद्र चौधरी के बयान से लगे कयास

लोकसभा चुनाव से पहले क्या सपा के कुछ बड़े चेहरे बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. ये कयास प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं के बयान से लगाए जा रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर के बाद अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का बयान इस बात के संकेत दे रहा है.

क्या सपा के कुछ नेता बीजेपी में होंगे शामिल, ओपी राजभर के बाद भूपेंद्र चौधरी के बयान से लगे कयास

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बीजेपी दूसरी सभी पार्टियों से आगे निकलती नजर आ रही है. पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ ही राज्य के मंत्रियों और पदाधिकारियों की बूथ स्तर पर ड्यूटी लगाई जा रही है. अलग-अलग बैठकें कर पार्टी ने सभी लोकसभा क्षेत्रों के लिए अलग से रणनीति तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. इस बीच इस बात की भी चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नाम बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बयान से इस कयास को बल मिला है.

भूपेंद्र चौधरी ने कहा है कि "बीजेपी में जब सदस्यता अभियान चलता है तो ऑनलाइन सदस्यता मिलती है. हम किसी को सदस्य बनने से रोकते तो हैं नहीं. पार्टी का साफ मानना है कि जो हमारी विचारधारा, नेतृत्व के विचार से सहमत है. उसका हम स्वागत करेंगे और सबको अपने साथ लेकर चलेंगे." इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने भी कई सपा नेताओं के भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए थे.

ओम प्रकाश राजभर ने रामचरित मानस विवाद पर कहा था कि  "अब उनको लग रहा है कि भगवान राम के शरण में जाना पड़ेगा, नहीं तो जान नहीं बचेगी. दर्जनों विधायक मुखर होकर और सामने आकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ खड़े हैं. वो संविधान के दायरे में रहकर बात कर रहे हैं. बाबा साहेब अंबेडकर ने कहीं भी संविधान में छूत अछूत नहीं लिखा है. ये संविधान को नहीं मानने वाले लोग हैं. ये गले में माला और विचारों में थाला वाले लोग हैं. मैंने करीब एक महीने पहले बता दिया है, बहुत से लोग पाला बदलने वाले हैं."

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर पलटवार
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि, "हमारे नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि सबका साथ और सबका विश्वास. उसी मंत्र पर हमलोग आगे बढ़ रहे हैं." जब उनसे स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मेरा इतना कहना है कि हमने किसी भी धार्मिक ग्रंथ और धार्मिक पुस्तक या धार्मिक विषयों से जुड़े किसी भी धर्म के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है. ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे समाज में गैर जरुरी तनाव या टकराव पैदा हो." 

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उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश की सरकार और केंद्र की सरकार जनता से जुड़े जो विषय हैं. गरीब कल्याण के विषय हैं, सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं वह बिल्कुल पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंच रही हैं. उसी विषय को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. उन लोगों की मंशा हो सकती है कि समाज में तनाव पैदा हो लेकिन मेरा साफ मानना है और सभी से निवेदन है कि इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. जिससे किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचे."

उन्होंने कहा, "अब उनको लग रहा है कि भगवान राम के शरण में जाना पड़ेगा, नहीं तो जान नहीं बचेगी. दर्जनों विधायक मुखर होकर और सामने आकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ खड़े हैं. वो संविधान के दायरे में रहकर बात कर रहे हैं. बाबा साहेब अंबेडकर ने कहीं भी संविधान में छूत अछूत नहीं लिखा है. ये संविधान को नहीं मानने वाले लोग हैं. ये गले में माला और विचारों में थाला वाले लोग हैं. मैंने करीब एक महीने पहले बता दिया है, बहुत से लोग पाला बदलने वाले हैं."

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