Rashid Alvi On Ayodhya Ram Mandir : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राशिद अल्वी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अब्दुल नजीर की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाले बयान का न सिर्फ हिन्दू संतों ने विरोध किया है, बल्कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी उन्हें नसीहत दी है.
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लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राशिद अल्वी (Congress Leader Rashid Alvi On Ayodhya Ram Mandir) के बयान का विरोध शुरू हो गया है. उन्होंने पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर की नियुक्ति के साथ राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है. अयोध्या के साधु संतों के साथ ही मुस्लिम समुदाय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर (Justice Abdul Nazeer) को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, इसमें संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अल्वी साहब ने इसका विरोध किया है.
अल्वी ने कहा कि राम मंदिर का फैसला सरकार के दबाव में लिया गया था. उन्होंने अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद में फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अब्दुल नजीर को राज्यपाल अब्दुल नजीर की नियुक्ति से इसको जोड़ा. साथ ही जस्टिस रंजन गोगोई का मुद्दा भी छेड़ा. कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी पर भी विवादित टिप्पणी की.
राजूदास ने कहा, कष्ट इस बात का है जिस पार्टी के विचारधारा को लेकर आप चलते हैं वह पार्टी हिंदू और मुसलमान करके देश को बांटने का साजिश किया, उस पर आप उंगली नहीं उठा रहे हो, लेकिन जो संवैधानिक तौर पर लड़ाई लड़के हम लोगों ने राम जन्मभूमि का मुकदमा लड़ा और आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण चल रहा है, उस पर आप सवाल खड़े कर रहे हो.
महंत ने कहा, अल्वी साहब आपकी मानसिकता कतई ठीक नहीं है. आप संविधान का अपमान कर रहे हैं. आपको पमाफी माननी चाहिए. आप की सरकार में और आपके ही प्रधानमंत्री ने कहा था देश पर पहला संसाधन का अधिकार किसी को है तो वह मुस्लिमों का है. बीजेपी तो सबका साथ सबका विकास की बात कर रही है तो आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है.''
इकबाल अंसारी ने भी जताई नाराजगी
वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि लोग जो टिप्पणी कर रहे हैं वह गलत है. कोर्ट ने जो भी फैसला किया हिंदू और मुसलमानों ने उसका सम्मान किया. हम चाहते हैं कि लोग इस पर राजनीति ना करें क्योंकि जब कोर्ट ने फैसला कर दिया और सभी लोगों ने उसका सम्मान किया तो अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाए जाने से किसी का सम्मान नहीं घटेगा.
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इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने जस्टिस अब्दुल नजीर को राज्यपाल नियुक्त करने पर सवालिया निशान उठाया था. उन्होंने कहा था कि ऐसी नियुक्ति से न्यायपालिका पर विश्वास कम होता है. पहले जस्टिस रंजन गोगोई और अब अब्दुल नजीर जो लोग आपके ऊपर सवाल उठा रहे थे, शक की निगाह से देख रहे थे उन पर बल तो मिलता ही है. जस्टिस अब्दुल नजीर ने जो फैसले दिए हैं उनके ऊपर सवाल उठेंगे मैं उठाऊं या ना उठाऊं, देश की जनता उठाएगी.
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