Dhanteras 2021: धनतेरस पर क्यों की जाती है यमराज की पूजा?, जानें यम दीपक का रहस्य
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Dhanteras 2021: धनतेरस पर क्यों की जाती है यमराज की पूजा?, जानें यम दीपक का रहस्य

Dhanteras 2021: आस्था और विश्वास से जुड़े इस महापर्व पर यम की साधना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. धनतेरस वाले दिन महिलाएं यम (Yam) के लिए घर के दरवाजे पर आटे का चौमुखा दीपक बनाकर रखती हैं. 

Dhanteras 2021: धनतेरस पर क्यों की जाती है यमराज की पूजा?, जानें यम दीपक का रहस्य

Dhanteras 2021: धनतेरस (Dhanteras) के दिन जहां पर श्रीगणेश-लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की विधान है तो वहीं, यमराज की पूजा करने का भी विशेष नियम हैं. क्या आप जानते हैं कि इस दिन यमराज की पूजा इसी दिन क्यों की जाती है. कैसे इस दिन इनकी  पूजी की शुरुआत हुई. यमराज के लिए क्यों दीपदान किया जाता है. अगर आपको ये नहीं पता है तो इस खबर के जरिए आपको अपने सवालों के जवाब मिल जाएंगे.

दीपदान करने की परंपरा
कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी यानि कि Dhanteras के दिन यम के नाम से विशेष रूप से दीपदान (Deepdaan) की परंपरा है. आस्था और विश्वास से जुड़े इस महापर्व पर यम की साधना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. धनतेरस वाले दिन महिलाएं यम (Yam) के लिए घर के दरवाजे पर आटे का चौमुखा दीपक बनाकर रखती हैं. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करने के बाद दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जप करते हुए यम का पूजन करती है.

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ऐसे जलाएं यम का दीपक
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखी दीपक बना सकते हैं अगर आटे का न बना रहे हों तो बाजार के मिट्टी का दीपक जलाकर उसमें चार बत्तियां डालकर पूजा करें. उसके बाद घर की दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्’ मंत्र का जप करते हुए यमराज जी की पूजा करें.

ये है पौराणिक कथा
लोककथाओं की मानें तो ये कथा भी काफी प्रचलित है. ऐसा कहा जाता है कि राजा हिम की बहू ने अपने पति की जान बचाई थी. उसके पति के बारे में कहा गया था कि वह अपनी शादी के चौथे दिन ही मर जाएगा.लेकिन चौथे दिन उसने अपने पति को जागते रहने को कहा. उसने कुछ दीए जलाए और अपने घर के प्रवेश द्वार पर चांदी और सोने के आभूषण और सिक्के रख दिए.

 गहनों और सिक्कों के पूरे ढेर से परावर्तित प्रकाश ने मृत्यु के स्वामी यमराज को उनके घर में प्रवेश करने और राजकुमार की जान लेने से रोक दिया. यमराज जब सांप के रूप में हिम के बेटे की जान लेने आए, तो चकाचौंध से अंधे हो गए. आखिरकार सांप के रूप में आए यमराज परिवार या राजकुमार को नुकसान पहुंचाए बिना वापस लौट गए. तभी से ये माना जाता है कि सोना और चांदी आपके घर को नकारात्मकता से बचाते हैं. इसीलिए इस दिन को पवित्र माना जाता है और लोग धनतेरस पर सोना, चांदी और नया बर्तन खरीदते हैं.

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धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 
इस साल धनतेरस पर खरीदी करने का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Shopping subh muhurat) 2 नवंबर को सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगा और सुबह 11:30 बजे तक रहेगा. इस दौरान त्रिपुष्‍कर योग रहेगा. इसके बाद दोपहर 01:30 बजे तक अमृत लाभ रहेगा. यह समय खरीदी के लिए बेहद शुभ है. इसके बाद शाम को 06:16 बजे से रात 10:21 मिनट तक भी शॉपिंग के लिए शुभ समय है. 

धनतेरस 2021 महत्व (Dhanteras Importance)
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान धनवंतरि, कुबेर व मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. ऐसे में साफ-सफाई होना जरूरी है. Dhanteras के दिन लोग खरीदारी भी करते हैं जैसे- चांदी या सोने का सामान, घर की सजावट का सामान आदि. धनतेरस के दिन लंबे समय तक काम आने वाली चीजों की खरीदारी करने का चलन है. इस दिन सोना-चांदी और बर्तन खरीदने का प्रचलन है. मान्‍यता है कि इस दिन खरीदारी करने से पूरे साल घर में बरकत रहती है. लेकिन इस बार की धनतेरस और भी ज्‍यादा खास है क्‍योंकि आज त्रिपुष्‍कर योग (Tripushkar Yog) बन रहा है. इस योग में खरीदी गईं चीजें 3 गुना लाभ देती हैं. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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