International Men's Day: पुरुषों में तेजी से घट रही प्रजनन क्षमता और कम हो रहे स्पर्म, अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर खास रिपोर्ट
Advertisement

International Men's Day: पुरुषों में तेजी से घट रही प्रजनन क्षमता और कम हो रहे स्पर्म, अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर खास रिपोर्ट

International Men's Day : अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर इजरायली यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट सामने आई है. इसमें बताया गया है कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता 52 फीसदी तक घटी है, ऐसा स्पर्म काउंट में कमी से हो रहा है.  

International Men's Day: पुरुषों में तेजी से घट रही प्रजनन क्षमता और कम हो रहे स्पर्म, अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पर खास रिपोर्ट

male fertility report on international men's day 2022 : नई दिल्ली : दुनिया भर में पुरुष तेजी से प्रजनन क्षमता (male fertility rate) खो रहे हैं और ऐसा उनमें शुक्राणुओं की संख्या (sperm count) में कमी के कारण हो रहा है. विश्व की आबादी 8 अरब तक पहुंचने और जनसंख्या विस्फोट को लेकर चिंताओं के बीच यह रिपोर्ट सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के बीच सामने आई इजरायली यूनिवर्सिटी की स्टडी में कहा गया है कि भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में पुरुषों में स्पर्म काउंट में 62 फीसदी की गिरावट आई है. 1973 से अब तक पिछले 50 सालों के दौरान ये कमी देखने को मिली है.  

इजरायल की हेब्रू यूनिवर्सिटी ने पुरुषों की संतानोत्पति और प्रजनन क्षमता से जुड़ी ये चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि स्पर्म काउंट में गिरावट का सीधा संबंध पुरुषों की सेहत के लिए खतरे की घंटी है. शुक्राणुओं की संख्या में कमी का सीधा संबंध पुरुषों में गंभीर बीमारियों, टेस्टिकुलर कैंसर की आशंका औऱ कम उम्र में मौत के खतरे से जुड़ा हुआ है. अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पुरुषों में स्पर्म काउंट में 50 फीसदी से ज्यादा कमी पिछले कुछ सालों में देखी गई है.

यह अध्ययन इन द जर्नल ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट में प्रकाशित हुआ है. इसमें कहा गया है कि सीमेन में प्रति मिलीमीटर स्पर्म कंसन्ट्रेशन 52 फीसदी कम होकर 50 मिलियन तक रह गया है.डब्ल्यूएचओ ने भी लो स्पर्म कंसन्ट्रेशन (low sperm concentration) को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है.स्पर्म कंसन्ट्रेशन प्रति मिलीलीटर 40 मिलियन से कम होने के साथ प्रजनन क्षमता पर असर दिखने लगता है. 

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव समेत कई अन्य कारणों जैसे हॉर्मोंस के असंतुलन, लंबी बीमारियों, चोट, डायबिटीज, अधिक तापमान में काम करने और आनुवांशिक वजहों से वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम होती है. स्पर्म की कमी का संबंध यौन प्रक्रिया के दौरान सीमेन या वीर्य में कम शुक्राणुओं के पाए जाने से है. इसे लो स्पर्म काउंट या ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है.

 

Trending news