Jaunpur: यूपी के जौनपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां जिलाधिकारी जन चौपाल लगाकर शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे कि तभी वहां एक शख्स पहुंचा और कहने लगा कि साहब मैं अभी जिंदा हूं. शख्स की बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया. आइए बताते हैं पूरा मामला.
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अजीत सिंह/जौनपुर: आपने अभिनेता पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की मशहूर फिल्म कागज (Kaagaz) देखी होगी, जिसमें उन्हें कागजों में मृत घोषित कर दिया जाता है. इसके बाद पंकज त्रिपाठी खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद करते दिखाई देते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर (Jaunpur News) से सामने आया है. यहां जिलाधिकारी जन चौपाल लगाकर शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे. ठीक उसी वक्त महिमापुर गांव के दशरथ सोनकर वहां पहुंचे और डीएम साहब को बताने लगे कि वे अभी जिंदा हैं. दशरथ सोनकर की बात सुनकर हर कोई हैरत में पड़ गया.
डीएम ने दशरथ से पूरा मामला सुना. दशरथ ने बताया कि उन्हें कागजों में मृत दिखाकर उनकी जमीन का फर्जी रूप से बैनामा करा दिया गया है. अब वह अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए तहसील और थाने का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है. दशरथ सोनकर की शिकायत पर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
यह है पूरा मामला
दौरान दशरथ ने बताया कि उन्होंने साल 1987 में लालपुर गांव में जमीन का बैनामा कराया था. बीते कुछ महीने पहले दशरथ ने गांव के एक व्यक्ति की जमानत कराने के लिए जमीन संबंधी कागजात वकील को दिए. इस पर वकील ने उन्हें बताया कि वह कागजों में मृत घोषित हो चुके हैं. यह सुनकर उनके पांव तले जमीन खिसक गई. दशरथ ने जांच पड़ताल कराई तो पता चला कि मृत घोषित कर उनकी जमीन का फर्जी बैनामा करा दिया गया है. अब न्याय की गुहार लगाते हुए दशरथ तहसील और थानों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न तो तहसील और न ही थाने से उन्हें कोई मदद मिल रही है.
इसी बीच दशरथ को सूचना मिली कि लालपुर गांव में जिलाधिकारी जन चौपाल लगाकर ग्रामीणों की शिकायत का निस्तारण कर रहे हैं. इसके बाद वे भी अपने कागजात लेकर जन चौपाल पहुंच गए. यहां उन्होंने डीएम को अपनी आपबीती सुनाई. डीएम ने मौके पर मौजूद केराकत एसडीम नेहा मिश्रा को मामले की जांच कर विधिक कार्रवाई का निर्देश दिया.
एसडीएम ने दी जानकारी
केराकत एसडीम ने बताया कि तहसीलदार कोर्ट से 2020 में दशरथ सोनकर की जमीन का नामांतरण किया गया था. लालपुर गांव के निवासी टुनटुन के पुत्र का नाम भी दशरथ था और उन्होंने फर्जी तरीके से अपने पुत्र का नाम दिखाकर लालपुर की जमीन का बैनामा करा लिया. मिलते-जुलते नाम का फायदा उठाकर यह फ्रॉड किया गया है. टुनटुन द्वारा जो हलफनामा दिया गया वह फर्जी था. इस मामले में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है. इस मामले में जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी.
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