माफिया मुख्तार अंसारी पर हमले के केस में डॉन बृजेश सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने स्पेशल अदालत से मांगा जवाब
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माफिया मुख्तार अंसारी पर हमले के केस में डॉन बृजेश सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने स्पेशल अदालत से मांगा जवाब

जानकारी के लिए बता दें कि हाई कोर्ट ने 2020 में इस मामले में बृजेश सिंह की पहली जमानत अर्जी खारिज की थी. वहीं, उस दौरान कोर्ट ने इस केस में ट्रायल यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन मामले में अभियोजन की तरफ से अभी तक एक भी गवाह कोर्ट में पेश नहीं किया गया...

माफिया मुख्तार अंसारी पर हमले के केस में डॉन बृजेश सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने स्पेशल अदालत से मांगा जवाब

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के एक और बड़े माफिया बृजेश सिंह (Brijesh Singh) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके काफिले पर हमला करने के आरोप में जेल में कैद माफिया बृजेश सिंह के केस में बीते गुरुवार सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट ने एमपी-एमएलसी कोर्ट (MP-MLA Special Court) से माफ़िया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमले के लंबित केस में ट्रायल की जानकारी मांगी है. हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट से पूछा है कि अभी तक ट्रायल पूरा क्यों नहीं हो सका है? कोर्ट (Allahabad High Court) ने यह भी कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने अगर कोई आदेश दिया है, तो उसे भी पेश करे. बता दें, बृजेश सिंह ने दूसरी बार कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की है.

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जनवरी 2022 में होगी अगली सुनवाई
जानकारी के लिए बता दें कि हाई कोर्ट ने 2020 में इस मामले में बृजेश सिंह की पहली जमानत अर्जी खारिज की थी. वहीं, उस दौरान कोर्ट ने इस केस में ट्रायल यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन मामले में अभियोजन की तरफ से अभी तक एक भी गवाह कोर्ट में पेश नहीं किया गया. ऐसे में अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 जनवरी 2022 की तारीख नियत की है.

मुख्तार को नहीं ला सकते बांदा से गाजीपुर
याची के एडवोकेट ने कोर्ट में बात रखी कि विपक्षी पक्ष मुख्तार अंसारी कई केसेस के चलते बांदा जेल में बंद है. उसे दो मुकदमों में दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई है. ऐसे में सेक्योरिटी कारणों से उसकी गवाही नहीं हो सकी. बताया जा रहा है कि गवाही जिला न्यायालय गाजीपुर में होनी है. हालांकि, मुख्तार को बांदा से गाजीपुर लाना सेफ नहीं है. ट्रायल प्रोसेस पूरा न हो पाने की यह सबसे बड़ी वजह है.

2001 में दर्ज हुआ था केस
गौरतलब है कि माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमले के आरोप में 2001 में यह केस दर्ज किया गया था. अब जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने बृजेश सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई की है.

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मुख्तार अंसारी के काफिले पर हुआ था हमला
साल 2001 में घटित उसरी चट्टी कांड में दर्ज मुकदमे में भाजपा एमएलसी बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह समेत कुल पांच लोग नामजद हैं. इनके अलावा मुख्तार अंसारी द्वारा 15-20 अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवाया गया था. उत्तर प्रदेश में घटित संगठित अपराधों की सूची में उसरी चट्टी कांड बड़े वारदात के रूप में दर्ज है. जुलाई 2001 में मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर उसरी चट्टी के पास मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था.

मुख्तार अंसारी का काफिला गुजर रहा था, तभी सामने खड़े ट्रक में सवार बदमाशों ने अंधाधुन गोलियां झोंक दीं.  ट्रक के जिस तरफ से गोलियां चल रही थीं, उस ओर लोहे की मोटी चादर खड़ी की गई थी, ताकि दूसरे पक्ष से गोलियां दागी जाएं तो चादर को पार न कर पाएं. इसी के पीछे छिपकर बदमाश फायरिंग कर रहे थे. 

इस हमले में मुख्तार के बॉडीगार्ड व हमलावर पक्ष से मनोज राय नाम के शूटर की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी. एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया था, 9 अन्य लोग घायल हुए थे. मुख्तार अंसारी ने इस मामले में बृजेश सिं​ह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय का नाम भी सामने आया था.

बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह हैं नामजद आरोपी
लंबे समय तक विचाराधीन रहने के बाद साल 2019 से उसरी चट्टी कांड में दर्ज मुकदमे की सुनवाई में तेज आई. इस कांड के दोनों आरोपियों बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ 11 जनवरी 2019 को अदालत में आरोप तय हुआ, 29 जनवरी 2019 को साक्ष्य के लिए तिथि तय की गई थी. भाजपा एमएलसी बृजेश सिंह कई बार कोर्ट में पेश नहीं हुए. फिर सख्ती तो हुई तो उन्हें आना पड़ा. मामले में साक्ष्य उनके खिलाफ हैं.

कुछ वर्ष पहले उसरी चट्टी हत्याकांड के गवाह जफर खां उर्फ चंदा को बृजेश सिंह के करीबी शूटर अजय मरदह उर्फ गुडडू द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गयी थी. उमर अंसारी अपने पिता मुख्तार के मुकदमे में गवाही करवाने गया था. मुख्तार बांदा जेल में बंद है, और बीमार चल रहा है. मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी का कहना है कि उमर कोर्ट में हथियार लेकर नहीं गया था, न ही उस पर कोई केस दर्ज है. हम प्रयास करते रहेंगे कि उसरी चट्टी कांड का सच सबके सामने आए. हमें कोर्ट पर भरोसा है.

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