मथुरा: 23 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बहस को पूरा माना और मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
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मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में आज अदालत में सुनवाई है. कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 15 मार्च यानी आज की दी है. याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप ने शाही ईदगाह के अमीन सर्वे की मांग की है. शाही ईदगाह कमेटी 7/11 पर सुनवाई की मांग कर रहा है. एडीजे 6 कोर्ट में मामला विचाराधीन है. की अदालतों में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में 11 याचिकाएं लंबित हैं.आज सुनवाई के बाद तय हो जाएगा कि शाही ईदगाह और मीना मस्जिद परिसर के सर्वे पर निचली अदालत सुनवाई करेगी या नहीं. कोर्ट ने वहीं मीना मस्जिद विवाद में भी अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की है.
शाही ईदगाह का सर्वे
हिंदू पक्षकारों ने ये आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष के लोग शाही ईदगाह परिसर का विस्तार कर रहे हैं. आरोप है कि वहां मौजूद कथित सबूतों को मिटाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में मस्जिद का सरकारी अमीन की मदद से सर्वे कराया जाए. इस अपील का मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में विरोध किया है. 23 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बहस को पूरा माना और मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
मीना मस्जिद सर्वे
दूसरा मामला मीना मस्जिद को लेकर है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने श्री कृष्ण जन्मस्थान के पूर्वी द्वार के पास बनी मीना मस्जिद के अमीन सर्वे की मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में वाद दाखिल किया था. मामले में कोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई हुई थी. अदालत ने दोनों पक्षों को सुना. हिंदू महासभा ने मांग की थी कि मुस्लिम पक्ष साक्ष्यों को नष्ट करने में लगा है. इसलिए अमीन जांच रिपोर्ट बहुत जरूरी है.
काफी पुराना है विवाद
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद काफी पुराना है. मथुरा का यह विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ हुआ है.दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके ये ढांचा बनाया गया. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.
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