एप की मदद से मिले नोएडा के 400 करोड़ के लापता भूखंड: 138 Plots को ढूंढने में मददगार बना सिंगापुर मॉडल का App
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एप की मदद से मिले नोएडा के 400 करोड़ के लापता भूखंड: 138 Plots को ढूंढने में मददगार बना सिंगापुर मॉडल का App

वन मैप ग्रेटर नोएडा के जरिए जिन लापता भूखंडों का पता चला है. प्रदेश में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहला प्राधिकरण है, जिसने वन मैप तैयार कराया है. सिंगापुर की तर्ज पर बने इस वन मैप में ग्रेटर नोएडा से जुड़ी हर एक जानकारी दी गई है. 

एप की मदद से मिले नोएडा के 400 करोड़ के लापता भूखंड: 138 Plots को ढूंढने में मददगार बना सिंगापुर मॉडल का App

पवन कुमार त्रिपाठी/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) की वन मैप तकनीक ने शहर के 138 लापता औद्योगिक भूखंड ढूंढ निकाला है, जिनकी कीमत करीब 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का अनुमान है. इन भूखंडों के आवंटन से 1500 करोड़ रुपये के निवेश और 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलने का अनुमान है. इस उपलब्धि से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी गदगद हैं. प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं.

वन मैप बनाने वाला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पहला प्राधिकरण
प्रदेश में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहला प्राधिकरण है, जिसने वन मैप तैयार कराया है. सिंगापुर की तर्ज पर बने इस वन मैप में ग्रेटर नोएडा से जुड़ी हर एक जानकारी दी गई है. प्राधिकरण ने ट्रायल के रूप में इसका बीटा वर्जन शुरू कर दिया है, ताकि आमजन का फीडबैक मिल सके. इसका औपचारिक शुभारंभ बाद में मुख्यमंत्री के हाथों होना है, लेकिन ट्रायल में ही इसके खुशनुमा परिणाम आने लगे हैं.

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करीब 138 औद्योगिक लापता भूखंड मिले
वन मैप के जरिए प्राधिकरण को सेक्टर ईटोकेट 6 व 11 में करीब 138 (54 प्लॉट पहले और 84 अब) औद्योगिक लापता भूखंड मिले हैं, जिनकी कीमत 400 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है. उन्होंने उद्योगों के साथ ही संस्थागत, आईटी, रिहायश और वाणिज्यिक विभागों को वन मैप के जरिए भूखंडों की छानबीन करने के निर्देश दिए हैं.

 ऐसे छूट गए ये लापता प्लॉट
वन मैप ग्रेटर नोएडा के जरिए जिन लापता भूखंडों का पता चला है. माना जा रहा है कि ये वे प्लॉट हैं, जो किसी स्कीम में शामिल किए गए होंगे लेकिन वे उस स्कीम से आवंटित नहीं हुए और वे प्लॉट बच गए. ऐसे प्लॉटों को किसी दूसरी स्कीम में शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के चले जाने से ये प्लॉट छूट गए. अब वन मैप के जरिए प्राधिकरण को ये प्लॉट मिल रहे हैं.

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कोविड के दौरान तैयार हुआ वन मैप ग्रेटर नोएडा
ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा से जुड़ी हर जानकारी को आम पब्लिक तक पहुंचाने के लिए वन मैप तैयार कराने का निर्णय लिया. इसकी शुरुआत करीब डेढ़ साल पहले हुई. इसे प्राधिकरण की टीम और एनआईसी ने तैयार किया है.  इसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट www.greaternoidaauthority.in से लिंक किया गया है. उस पर क्लिक करते ही सारी जानकारी आपके सामने आ जाएगी. मसलन, सिटीजन कॉलम पर क्लिक करने से ग्रेटर नोएडा में स्थित बस स्टॉप और पुलिस स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, सार्वजनिक शौचालय कहां हैं, यह सब पता चल जाएगा.

खाली भूखंडों का चलता है ऐसे पता
वन मैप (One Map) सिंगल प्वाइंट डाटा कलेक्शन पर काम करता है. इनमें सभी विभागों का डाटा एक जगह कर दिया है. अथॉरिटी के प्लानिंग सेल से ले आउट लेकर ड्रोन से मिले डाटा पर प्रोजेक्ट कर दिया जाता है. वन मैप ले आउट और मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) के डाटा से मिलान करता है, जिन भूखंडों का मिलान नहीं हो पाता उन्हें खाली भूखंडों की लिस्ट में डाल देता है, जिससे प्राधिकरण को आसानी से इसके बारे में पता चल जाता है. सीईओ या अन्य सीनियर अफसर जब चाहें इसे देख सकते हैं. प्राधिकरण सैटेलाइट के साथ ही ड्रोन से शहर की इमेज व डाटा स्टोर कर चुका है.

एप पर मिलेगी हर जानकारी
ग्रेटर नोएडा के बुक मार्क जैसे कि परी चौक, जेपी ग्रींस, इंडिया एक्सपो मार्ट, सिटी पार्क आदि कहां हैं? सेक्टर में स्थित एक-एक प्लॉट और उसके आवंटी का ब्योरा भी आप वन मैप से देख सकते हैं. आवासीय, इंडस्ट्री, संस्थागत, वाणिज्यिक, आईटी आदि  के कितने भूखंड खाली हैं, इसे भी आप यहां देख सकते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से स्कीम के जरिए आवेदन कर प्लॉट भी पा सकते हैं. 

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