Prayagraj News: RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश में सभी वर्गों पर लागू होने वाली एक जनसंख्या नीति बननी चाहिए.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में 16 से 19 अक्टूबर के बीच आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का आज समापन हो गया. बैठक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में गौहनिया के जयपुरिया स्कूल के वात्सल्य परिसर में हुई. इस दौरान कई विषयों पर गहन चिंतन और मंथन किया गया. आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने मीडिया को बैठक में चर्चा के विषयों और आगे की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी.
जनसंख्या नीति बनाए जाने की उठाई मांग
दत्तात्रेय होसबोले के मुताबिक, आरएसएस देश के हर जिले के एक गांव को मॉडल गांव के तौर पर लेगा. बैठक में इन गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास करने का संकल्प लिया गया है. इसके साथ ही देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या असंतुलन की समस्या को लेकर भी गंभीर विचार विमर्श हुआ. उन्होंने कहा है कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में जनसंख्या असंतुलन को रोकने के लिए जनसंख्या नीति बनाए जाने की मांग उठी है. यह भी कहा गया है कि यह नीति देश के सभी लोगों पर एक समान रूप से लागू होनी चाहिए.
"धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए"
बैठक में कन्वर्जन यानि धर्मांतरण के मुद्दे पर भी विचार विमर्श किया गया. कन्वर्जन को रोकने के लिए बने कानूनों का सख्ती से पालन कराने की मांग की गई. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कन्वर्जन करने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. आरएसएस की बैठक में स्वावलंबी भारत पर चर्चा हुई. गांव में रोजगार सृजन के लिए युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की बात कही गई. ताकि ग्रामीण भारत से पलायन रुक सकें.
2025 को लेकर तैयार की गई कार्ययोजना
दत्तात्रेय होसबोले ने आगे बताया कि बैठक में 379 अखिल भारतीय पदाधिकारियों के पहुंचने की संभावना थी. जिसमें से 372 पदाधिकारी उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि कोविड की महामारी के चलते 2 साल बाद संघ की बड़ी बैठक संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित की गई. इस बैठक में संघ के 2025 में शताब्दी वर्ष को लेकर भी चर्चा की गई और कार्ययोजना भी तैयार की गई है.
सरकार्यवाह ने कहा कि एक वर्ष में आरएसएस की साढे छह हजार शाखाएं बढ़ी हैं. संघ में 3000 से ऊपर पूर्णकालिक सदस्य एक साल में बढ़े हैं. साप्ताहिक मिलन की संख्या एक साल में 4000 से ज्यादा बढ़ी है. मासिक संघ मंडली 1800 बढ़ी है और 2024 के अंत तक हर मंडल के एक एक गांव में संगठन की शाखा को पहुंचाने का लक्ष्य है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि संघ को लेकर ऑनलाइन पूछताछ की भी संख्या बढ़ी है. करीब एक लाख 20 हजार लोगों ने जॉइन आरएसएस के तहत संघ को जानने की इच्छा जताई है.