साइकिल चुनाव चिन्ह से ही UP विधानसभा चुनाव लड़ेंगे शिवपाल यादव! फिसल गई प्रसपा की 'चाबी'
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साइकिल चुनाव चिन्ह से ही UP विधानसभा चुनाव लड़ेंगे शिवपाल यादव! फिसल गई प्रसपा की 'चाबी'

शिवपाल ने वर्ष 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल की पार्टी को आयोग ने चाबी चुनाव चिह्न आवंटित किया. लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के मैदान में उतरी प्रसपा को महज 0.31 प्रतिशत वोट मिले थे. ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव में.....

साइकिल चुनाव चिन्ह से ही UP विधानसभा चुनाव लड़ेंगे शिवपाल यादव! फिसल गई प्रसपा की 'चाबी'

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) चाचा-भतीजे की जोड़ी चुनावी समर के लिए तैयार है. राज्य में सपा-प्रसपा के गठबंधन के बाद दोनों पार्टियां पूरी तरह से एक्टिव हो गई हैं. सियासी गलियारों में हलचल है कि अब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) के चाचा और प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) साइकिल पर ही चुनाव लड़ेंगे. खबरों की मानें तो शिवपाल सिंह यादव से उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (प्रसपा) की 'चाबी' फिसल गई है. प्रसपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव 'चाबी' चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ पाएगी. प्रसपा से टिकट चाहने वालों में से भी ज्यादातर 'साइकिल' चुनाव चिह्न से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं.

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समाजवादी पार्टी के सिंबल पर ही लड़ेंगे शिवपाल
शिवपाल ने वर्ष 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल की पार्टी को आयोग ने चाबी चुनाव चिह्न आवंटित किया. लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) के मैदान में उतरी प्रसपा को महज 0.31 प्रतिशत वोट मिले थे. ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सिंबल बरकरार रहने के आसार कम हैं और अलग-अलग सीटों पर फ्री सिंबल आवंटित होने की संभावना ज्यादा है. सूत्रों  के मुताबिक अगर सिंबल पुन आवंटित नहीं हुआ तो सपा (SP) के साइकिल चुनाव चिह्न पर ही शिवपाल समेत उनके समर्थक चुनाव लड़ेंगे.

अगर भविष्य में हुआ अखिलेश-शिवपाल का टकराव?
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के सपा के चुनाव चिह्न से चुनाव जीतने पर वह सपा के ही विधायक कहलाएंगे. भविष्य में यदि किसी कारण से शिवपाल और अखिलेश में फिर से टकराव के हालात नजर आए तो शिवपाल ही अलग रह जाएंगे. यह बिलकुल वैसे ही होगा जैसे साल 2017 के विधान सभा चुनाव में शिवपाल जसवंतनगर सीट से सपा (SP) के टिकट से चुनाव जीते, अलग पार्टी बनाने के बाद भी वे आज भी विधानसभा में सपा के ही विधायक हैं. सपा की व्हिप शिवपाल पर भी लागू होती है वहीं, सपा से गठबंधन करने वाले रालोद व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (RLD and Suheldev Bharatiya Samaj Party) के अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने से वे भविष्य में अखिलेश से खटपट होने पर अपनी राहें जुदा भी कर सकते हैं.

इसलिए गठबंधन की बात कर रहे अखिलेश
अखिलेश यादव सोची समझी रणनीति के तहत शिवपाल की पार्टी से विलय की जगह गठबंधन की बात करते हैं. विलय करने से प्रसपा संगठन के नेताओं को भी अखिलेश को सपा में समायोजित करना होगा. चुनावी मौके पर सभी का समायोजन संभव नहीं है. ऐसे में अखिलेश यादव गठबंधन की बात कर रहे हैं. ऐसे में अखिलेश को केवल गठबंधन की सीटें ही देनी होंगी.

2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए करो या मरो की लड़ाई माना जा रही है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी काफी तनाव में है.

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