शिवपाल से मुलाकात के पहले जेल में बंद सपा नेता को रायबरेली से सुल्तानपुर भेजा गया, भड़के पार्टी महासचिव
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शिवपाल से मुलाकात के पहले जेल में बंद सपा नेता को रायबरेली से सुल्तानपुर भेजा गया, भड़के पार्टी महासचिव

रायबरेली जेल में बंद हैं सपा नेता आरपी यादव. गुरुवार को सपा महासचिव शिव पाल सिंह यादव आरपी यादव से मुलाकात करने वाले थे. 

शिवपाल से मुलाकात के पहले जेल में बंद सपा नेता को रायबरेली से सुल्तानपुर भेजा गया, भड़के पार्टी महासचिव

रायबरेली : समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने यूपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. शिवपाल सिंह यादव का आरोप है कि वह गुरुवार को रायबरेली जेल में बंद आरपी यादव से मुलाकात करने जा रहे थे. इसे पहले आनन-फानन में रायबरेली जेल में बंद आरपी यादव को सुल्‍तानपुर जेल हस्‍तांतरित कर दिया गया. आरोप है कि भाजपा सरकार की यह कार्रवाई पारदर्शी लोकतंत्र और निष्‍पक्ष न्‍यायिक व्‍यवस्‍था पर सवाल खड़ा करता है.   

कभी हम भी सत्‍ता में थे, याद रहे 
इससे बाद प्रयागराज पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा पर विपक्ष के नेताओं का बेवजह उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को याद रखना चाहिए कि सपा भी सत्ता में रही है, लेकिन हमारी पार्टी ने विपक्ष के नेताओं का बेवजह उत्पीड़न कभी नहीं किया. 

विपक्षी नेताओं का उत्‍पीड़न कर रही भाजपा 
सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि विपक्षी नेताओं का दमन और उत्पीड़न लोकतंत्र में ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी बीजेपी के तानाशाही के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी को आगामी लोकसभा के चुनाव में उखाड़ फेंकने के लिए समाजवादी पार्टी हर स्तर से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. अब बीजेपी की जन विरोधी और अलोकतांत्रिक नीतियों का जमकर विरोध किया जाएगा. 

शहर का नाम बदलने से कोई फायदा नहीं 
वहीं, लखनऊ में लक्ष्मण की भव्य प्रतिमा के अनावरण किए जाने पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा बीजेपी के लोग भगवान राम और लक्ष्मण के आदर्शों पर नहीं चलते हैं. सिर्फ मूर्ति लगाने से कुछ नहीं होने वाला है. बीजेपी नेताओं द्वारा लखनऊ का नाम बदलने की मांग पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि किसी शहर या फिर जगह का नाम बदलने से कोई फायदा नहीं होने वाला है. काम जरूरी है, भारतीय जनता पार्टी को जनता के हितों को देखकर काम करना चाहिए.

कभी किसी धर्मग्रंथ के खिलाफ नहीं थे 
श्रीरामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी का शिवपाल सिंह यादव ने समर्थन करने से साफ तौर पर इनकार किया. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि वह सभी धर्मग्रंथों को मानने वाले हैं. वह कभी किसी धर्मग्रंथ के खिलाफ न थे, और न हैं और न रहेंगे. शिवपाल सिंह यादव ने फिर से कहा कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान है.

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