प्रेमी ने किया था साथ जीने मरने का वादा, उसी ने उतारा प्रेमिका को मौत के घाट, 3 साल बाद आया पुलिस की गिरफ्त में
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प्रेमी ने किया था साथ जीने मरने का वादा, उसी ने उतारा प्रेमिका को मौत के घाट, 3 साल बाद आया पुलिस की गिरफ्त में

मृतक चंदा का ग्राम के ही अनिल से प्रेम-प्रसंग हुआ. दोनों ही अलग जाति के थे, जिसके चलते परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. तब दोनों ने सूरत जाकर शादी कर ली थी. जब प्रेमी कोरोना के समय अकेला ही अपने गांव वापस आया, तब लड़की के घरवालों ने लड़के से अपनी बेटी के बारे में पूछा तो वह गोलमोल जवाब देता रहा. तब मृतका के परिजनों ने पुलिस से गुहार लगाई. जिसके बाद जांच में पूरा सच सामने आ गया.

प्रेमी ने किया था साथ जीने मरने का वादा, उसी ने उतारा प्रेमिका को मौत के घाट, 3 साल बाद आया पुलिस की गिरफ्त में

गौरव श्रीवास्तव/औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया (Auraiya) में इश्क करने की सजा प्रेमिका को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी. घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी करने वाली लड़की की पति द्वारा हत्या कर दी गई. घटना के 3 साल बाद हत्यारे पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. परिजनों को न्याय के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन 3 साल बाद उनकी मेहनत रंग लाई.

दरअसल, चंदा नाम की लड़की का 2013 में अपने गांव के ही युवक अनिल से प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया था. दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार वाले राजी नहीं हुए, तो उन्होंने घर वालों के खिलाफ जाकर 2019 में सूरत में शादी कर ली. जब प्रेमी कोरोना के समय अकेला ही अपने गांव वापस आया, तब लड़की के घरवालों ने लड़के से अपनी बेटी के बारे में पूछा तो वह गोलमोल जवाब देता रहा. तब मृतका के परिजनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. 

जानें क्या है पूरा मामला 
पूरा मामला औरैया जनपद के बिधूना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रामदास का पुरवा का है. जहां एक पीड़ित मां-बाप की लगातार शिकायतों के बाद ऐक्टिव हुई पुलिस ने हत्यारे पति को 3 साल बाद गिरफ्तार किया. घटनाक्रम के अनुसार, मृतक चंदा का ग्राम के ही अनिल से प्रेम-प्रसंग हुआ. दोनों ही अलग जाति के थे, जिसके चलते परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया, तब दोनों ने सूरत जाकर शादी कर ली थी.

कोरोना काल में जब युवक अनिल अपने घर आया तब उसकी पत्नी चंदा उसके साथ गांव वापस नहीं आई यह देख चंदा के परिजनों ने अनिल से अपनी बेटी के बारे में पूछा, तो वह यह कहकर टाल देता था कि वह सूरत में ही है और डर की वजह से नहीं आई. जब चंदा के माता-पिता ने फोन पर बात कराने को भी कहा तो उसने मना कर दिया. जिसके बाद मृतका के माता-पिता ने पुलिस में गुहार लगाई, लेकिन पुलिस भी पीड़ित को इधर उधर की बातें कह कर टालती रही. फिर भी मृतका के मां-बाप ने हार नहीं मानी और अपनी बेटी के हत्यारे को सजा दिलवाई.

मृतका का पति पुलिस की गिरफ्त में
पुलिस के हर एक अधिकारी के चौखट पर पीड़ित पिता ने दरवाजा खटखटाया और अपनी बेटी की तलाश करने और सच्चाई पता लगाने की बात कही. दरोगा ने जनसुनवाई पोर्टल (Integrated Grievances Redress System) पर फर्जी निस्तारण भी दिखाया, लेकिन दरोगा के बदलते ही एक बार फिर पीड़ित मां-बाप ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. जिसके चलते सही कार्रवाई करते हुए जब पुलिस सूरत पहुंची, तब राज से पर्दा उठा की चंदा की हत्या उसके पति ने ही कर दी है. पुलिस के आलाधिकारी के अनुसार हत्यारे पति को गिरफ्तार कर लिया गया. 

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3 साल से बेटी की तलाश में भटक रहे थे मृतका के पिता
मृतका के पिता ने कहा कि साल 2019 में अनिल मेरी लड़की को लेकर गया था. मैंने 6 अप्रैल 2019 को थाने में एक गुमशुदा की एप्लीकेशन दी थी. इसके बाद चार-पांच मोबाइल नंबरों से उससे मेरी बात हुई. जब कुछ समय बाद मैंने इसे गांव में देखा और इससे पूछा कि मेरी लड़की कहां है तो यह बोला कि मुझे लड़की के बारे में कुछ पता नहीं है. अगर हम से ऐसी बात करोगे तो तुमको जान से मार देंगे. इसके बाद मैंने एक प्रार्थना पत्र थाने में दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर मैंने 27 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज की. वहां से मेरी शिकायत 6 अप्रैल 21 को निस्तारित की गई. फिर मैंने 8 बार पोर्टल पर शिकायत की. जब मुझे वहां न्याय नहीं मिला, तो मैं महिला आयोग गया. आयोग ने मेरे लिए दरोगा जी को ऑर्डर दिया.

मृतका के पिता ने कहा कि तब दरोगा जी ने मेरे साथ न्याय किया ऐसा अधिकारी होना बहुत जरूरी है. हम पुलिस के साथ सूरत गए. अनिल से भी साथ में चलने को कहा जब यह नहीं गया. फिर पुलिस ने फोटो से ढूंढते-ढूंढते बेटी का पता खोज निकाला. वहां एक लड़के ने बेटी की फोटो देखकर बताया कि यह लड़की यहां आई थी और किसी लड़के के साथ रहती थी. पूरी सच्चाई पता चलने के बाद अनिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, मृतका की मां का कहना है कि जो अनिल ने किया है उसके लिए इसे कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए. 

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जानें इस मामले को लेकर पुलिस का क्या कहना है
इस पूरे मामले को लेकर एसपी चारू निगम ने बताया कि यह प्रकरण बिधूना थाना के रहने वाली मृतका चंदा और अनिल दोनों अलग-अलग जाति के थे. इन दोनों की शादी यहां एक्सेप्ट नहीं हो रही थी, तो सूरत जाकर लोगों ने शादी की. कई सालों से वो वहां रह रहे थे. चंदा के पिता ने 2021 में एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें उनकी तहरीर पर 1 अगस्त 2021 में अभियोग पंजीकृत हुआ था. जिसमें रिसेंटली मृतका के पिता के द्वारा यह बताया गया कि उसकी वहां हत्या हो गई है. इसमें उनके द्वारा साक्ष्य उपलब्ध कराए गए. इस पर अग्रिम पैरवी की गई. जो जांच विवेचना की गई, उसमें पुष्टि हुई कि चंदा की सूरत में हत्या हो गई है.

एसपी ने बताया कि इस जांच में यह निकल कर सामने आया कि यह अवैध संबंध का मामला था. ये लोग पति-पत्नी की तरह सूरत में रह रहे थे, लेकिन अनिल को चंदा के कुछ अवैध रिलेशनशिप के बारे में जानकारी हुई, तो उसने सूरत में ही अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. जब उसके एक साथी को लगा कि बात बढ़ जाएगी तो वह सरकारी गवाह बन गया. उसका साथी चंद्रभान अमेठी का रहने वाला है जो सरकारी गवाह बन गया. उसने पूरी जानकारी दी. जब वहां पूछताछ हुई तो आसपास के 6-7 लोगों ने पुष्टि की कि चंदा की हत्या करके बॉडी कहीं फेंक दी गई है. अनिल को 24 जून 2022 को अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया है. इस मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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