UP Chunav 2022 Results: एक विधायक को सैलेरी में 75 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं, 24 हजार रुपये का डीजल और पेट्रोल खर्च, 6 हजार रुपये का पीए का खर्चा, 6 हजार रुपये मेडिकल एक्सपेंस, 6 हजार रुपये मोबाइल के साथ-साथ पूरी सैलेरी 1 लाख 87 हजार के करीब हो जाती है...
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UP MLA Selection Proces: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आज सबसे महत्वपूर्ण दिन है. दोनों राज्यों में मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है. आज शाम तक फैसला हो जाएगा कि सरकार किसकी बनेगी. सभी विधानसभा सीटों को अपने नए विधायक मिल जाएंगे. इसी बीच हम आपको बताते हैं आखिर ये विधायक बनते कैसे हैं...
दरअसल, राज्य के हर क्षेत्र से जन प्रतिनिधि के रूप में एक विधायक का चयन किया जाता है. इसके लिए इलाके की जनता अपने-अपने मताधिकार का इस्तेमाल करती है और अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट करती है. क्षेत्रों की संख्या वहां के वोटर्स की संख्या पर निर्भर करती है. वोटिंग की गिनती के बाद विधायक का चुनाव होता है. इसी के साथ चुने गए विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं और फिर विधानसभा में पेश करते हैं. इसके अलावा, सरकार जो योजनाएं जनता के लिए लाती है, विधायक उसे अपने हर क्षेत्र के कोने-कोने तक पहुंचाते हैं.
क्या होती है विधायक बनने की योग्यता
एमएलए बनने को प्रत्याशी को भारत का नागरिक होना जरूरी है.
उम्र 25 साल होनी चाहिए.
निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है, जहां के लिए वह विधायक बनेगा.
विधायक के लिए जो प्रत्याशी चुना गया है, वह सरकारी नौकरी वाला नहीं होना चाहिए.
किसी केस में अगर विधायक दोषी पाया जाता है तो उसे इस पद से हटाया भी जा सकता है.
कैसी होती है चुनाव प्रक्रिया
हर पांच साल की अवधि में होते हैं चुनाव.
राज्यों को वहां की जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों में डिवाइड किया जाता है.
एक निर्वाचन क्षेत्र से कई उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े हो सकते हैं.
किसी पार्टी से या फिर इंडिपेंडेंट तरीके से भी चुनाव लड़ा जाता है.
विधायकों को पूर्ण रूप से वोटर्स ही चुनकर लाते हैं.
राज्यपाल के पास एंग्लो-भारतीय समुदाय के सदस्य को नामांकित करने की कार्यकारी शक्ति होती है.
क्या होते हैं विधायक के अधिकार
कार्य कानूनों की योजना बनाना, अध्ययन करना, चर्चा करना और फिर नए कानूनों के अधिनियम का समर्थन करना.
अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में समस्याओं का समाधान करना.
कैबिनेट मंत्री, मंत्री या विपक्षी आलोचक को निश्चित करने का काम करना.
सदन में सवाल पूछना और जवाब देना.
अपने क्षेत्र में एक कार्यालय खोलने का पूर्ण अधिकार.
विधायक निधि द्वारा अपने क्षेत्र का विकास करना.
क्या होती है विधायक की सैलेरी
एक विधायक को सैलेरी में 75 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं, 24 हजार रुपये का डीजल और पेट्रोल खर्च, 6 हजार रुपये का पीए का खर्चा, 6 हजार रुपये मेडिकल एक्सपेंस, 6 हजार रुपये मोबाइल के साथ-साथ पूरी सैलेरी 1 लाख 87 हजार के करीब हो जाती है. इसके अलावा, सरकारी आवास, खाने-पीने का खर्च भी शामिल किया जाता है.
पूर्व विधायकों को मिलती है पेंशन
पूर्व विधायकों को पेंशन के रूप में 25 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं. इसके अलावा, 80 हजार रुपये के रेल कूपन होते हैं, जिसमें से 50 हजार रुपये प्राइवेट व्हीकल के डीजल, पेट्रोल में खर्च किए जा सकते हैं.
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