हाल ही में यूपीएससी में 19वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड में टॉप रहने वाली दीक्षा जोशी बहुत जल्द अब आईएएस की ट्रेनिंग ज्वाइन करने जा रही हैं. वैसे तो इतनी अच्छी रैंक लाने के बाद दीक्षा के पास अवसर बहुत हैं लेकिन दीक्षा जोशी उत्तराखंड में ही रहकर जन्मभूमि की सेवा करना चाहती हैं.
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देहरादून: पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड राज्य को लेकर अक्सर यह कहा जाता है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड़ के काम नहीं आते हैं. रोजगार की तलाश में पहाड़ की जवानी पहाड़ को छोड़ अपनी नई राह की तलाश में पलायन कर जाती है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे युवा भी है जिनके पास अवसर भी सुनहरे हैं लेकिन वह पहाड़ पर ही रहकर पहाड़ के लिए काम करना चाहते हैं. इसी में एक नाम है उत्तराखंड की बेटी दीक्षा जोशी का.
UPSC में हासिल की 19वीं रैंक
हाल ही में यूपीएससी में 19वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड में टॉप रहने वाली दीक्षा जोशी बहुत जल्द अब आईएएस की ट्रेनिंग ज्वाइन करने जा रही हैं. वैसे तो इतनी अच्छी रैंक लाने के बाद दीक्षा के पास अवसर बहुत हैं लेकिन दीक्षा जोशी उत्तराखंड में ही रहकर जन्मभूमि की सेवा करना चाहती हैं. दीक्षा ने अपना पहला कैडर उत्तराखंड को ही चुना है , हालांकि वैकेंसी के ऊपर निर्भर करेगा कि उन्हें उत्तराखंड कैडर मिल पाता है.
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए करना चाहती हैं काम
प्राथमिक कैडर में उत्तराखंड को चुनने को लेकर बताया कि वह यहां पली-बढ़ी हैं, यहां की चीजों के बारे में उनको अच्छी पसंद है. उत्तराखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने, यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सहयोग देना चाहती हैं, इसके अलावा वह यहां की महिलाओं को लेकर काम करना प्राथमिक उद्देश्य में शामिल है.
अपने आप पर यह बड़ी बात है कि जब टॉप रैंकिंग में चयन के बावजूद भी दीक्षा अपनी प्राथमिकता उत्तराखंड को देती है, वो चाहतीं तो उनके पास मौके कई हैं लेकिन इसके बावजूद वो उत्तराखंड में ही रहकर उत्तराखंड के लिए ही काम करना चाहती हैं. अपने आप में यह बड़ी बात है कि इससे और भी युवाओं को प्रेरणा मिलेगी जो रोजगार की तलाश में पलायन को मजबूर हैं, बशर्ते उनके लिए भी उत्तराखंड में रोजगार यह स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें.
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