केदारनाथ धाम (Kedarnath) की पैदल यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड से शुरू होती है और 18 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचते हैं...हालांकि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी की सुविधा भी उपलब्ध रहती है, मगर हजारों...
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हरेंद्र नेगी/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में केदारनाथ आने वाले यात्रियों के थके हुए पैरों को अब आराम मिल सकेगा. माता वैष्णों देवी की तर्ज पर केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को इस बार रिफ्लेक्सोलाजी (पैरों की थेरेपी) की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से केदारघाटी के फाटा में युवाओं के लिए फुट थेरेपी का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू के चार विशेषज्ञों ने 15 दिनों तक स्थानीय युवाओं को रिफ्लेक्सोलाजी का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया. इस विधा में पारंगत हुए युवा यात्रा व ट्रैकिंग रूट पर सेवाएं देंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
वैष्णो देवी पैदल यात्रा की तर्ज पर पैरों की मसाज की सुविधा
बता दें कि केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड से शुरू होती है और 18 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद श्रद्धालु बाबा के धाम पहुंचते हैं. हालांकि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी की सुविधा भी उपलब्ध रहती है, मगर हजारों की संख्या में ऐसे तीर्थयात्री भी होते हैं, जो बाबा की यात्रा पैदल ही तय करते हैं. इसके लिए त्रियुगीनारायण से केदारनाथ पैदल ट्रेक के जरिये भी भक्त बाबा के दरबार में पहुंचते हैं.
ऐसे में श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से इस बार वैष्णों देवी पैदल यात्रा की तर्ज पर रिफ्लेक्सोलाजी (पैरों की मसाज) की सुविधा प्रदान की जायेगी. पैरों की इस थेरेपी से थकान दूर हो जाती है और यात्री स्वयं को तरोताजा महसूस करता है. इससे केदारघाटी के स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा.
फुट थेरेपी प्रशिक्षण शिविर का समापन
पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि पर्यटन विभाग के सौजन्य से केदारघाटी के फाटा में आयोजित फुट थेरेपी प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया है. सात दिवसीय फुट मसाज थेरेपी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जामू, फाटा, शेरसी, बड़ासू, खड़िया, खुमेरा, जाल चैमासी के युवाओं ने भाग लिया. उन्होंने बताया कि रिफ्लेक्सोलाजी एक प्रकार की प्राचीन वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, जो भारत समेत अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है. यह ऐेसे सिद्धांत पर कार्य करती है, जो शरीर के अंगों व तंत्रों से जुड़ी होती है.
बिना तेल या लोशन के मसाज
इस चिकित्सा पद्धति में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किए अंगूठे, अंगुली व हस्त तकनीक से पैर व हाथ पर दबाव डाला जाता है. पैरों की इस मसाज से तनाव काफी कम हो जाता है और व्यक्ति को शांति व आराम मिलता है. उन्होंने बताया कि वैष्णो देवी पैदल यात्रा मार्ग पर प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलाजी के लिए 200 से 300 रुपये तक लेते हैं और प्रतिदिन एक हजार से डेढ़ हजार रुपये तक कमा लेते हैं. केदारनाथ यात्रा मार्ग और ट्रैकिंग रूट पर यात्रियों के लिए यह सुविधा मददगार साबित होगी. साथ ही स्थानीय व्यक्तियों के लिए इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.
जल्द ही स्थापित होगा योग प्रशिक्षण साधना केंद्र-पर्यटन अधिकारी
पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि आने वाले समय में जल्द ही पर्यटन विभाग योग प्रशिक्षण साधना केंद्र भी स्थापित करेगा, जिससे केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को धार्मिक स्थलों पर योग की सुविधा भी प्राप्त होगी. शिविर के प्रमाण पत्र प्रशिक्षित युवाओं को ऑनलाइन के माध्यम से दिए जायेंगे और इन्हीं युवाओं द्वारा भविष्य में अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा. होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी एवं उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम घाटी में संचालित किये जाने से युवाओं को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे.
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